जब बसोली पंचायत में कोई मुस्लिम परिवार नहीं है तो मस्जिद का क्या औचित्य: जोगिंदर बिंद्रा
ऊना /सुशील पंडित: हिमाचल प्रदेश के ऊना जिला की बसोली ग्राम पंचायत में बनी मस्जिद को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. करीब 11 दिन पहले गांव के लोगों ने जिला प्रशासन को ज्ञापन देते हुए इस भवन को 7 दिन में गिराने का अल्टीमेटम दिया था। लेकिन अभी तक इस मामले में प्रशासनिक स्तर पर कोई भी कार्रवाई नहीं होने के बाद शुक्रवार को ग्रामीण एक बार फिर डीसी कार्यालय पहुंचे। जहां उन्होंने इस मस्जिद के निर्माण के पीछे की योजना सहित वर्तमान समय में चल रही गतिविधियों को लेकर भी अधिकारियों से काफी देर तक बातचीत की।
ग्राम पंचायत बसोली के निवासी अब भी इस बात पर अड़िग है कि जब उनके पंचायत क्षेत्र में एक भी मुस्लिम परिवार नहीं है तो फिर यहां मस्जिद खड़ी करने का क्या उद्देश्य रहा है। वहीं एसडीएम विश्व मोहन देव चौहान ने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि इस मामले को लेकर प्रशासनिक जांच शुरू हो चुकी है और कानून सम्मत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
पूर्व सैनिक जोगिंदर सिंह बिंद्रा ने कहा कि उनकी पंचायत क्षेत्र में एक भी मुस्लिम परिवार नहीं है और ऐसे में इस जगह पर मस्जिद का निर्माण किस उद्देश्य से किया गया है, इसकी गहराई से जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अब इस जगह पर बड़ी संख्या में बाहरी लोगों के आने-जाने का काम भी शुरू हो चुका है जोकि स्थानीय लोगों के लिए यह एक बड़ा खतरा हो सकता है और इसके चलते प्रशासन को कोई भी अप्रिय घटना होने से पहले ही स्थिति को संभालना होगा, ऐसे में जरूरी है कि इस ढांचे को तुरंत गिराया जाए।
पूर्व सैनिक और बसोली के ग्रामीण अनिल कुमार ने कहा कि देशभर में इसी प्रकार से घुसपैठ करने की कई सारी घटनाएं सामने आ चुकी हैं. जहां पहले मस्जिदों का निर्माण किया जाता है और फिर बाहर से लाकर लोगों को आसपास के क्षेत्र में बसा दिया जाता है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज को भी अब एक शिक्षित समाज में आना चाहिए और मदरसे आदि की शिक्षा को छोड़कर समाज के मुख्य धारा में कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि उनके गांव में कोई भी मुस्लिम परिवार होता तो वह कभी भी इस मस्जिद का विरोध नहीं करते, लेकिन ऐसा नहीं है।