ऊना/सुशील पंडित: आज यहां जारी बयान में भाजपा सचिव व संसदीय क्षेत्र सह प्रभारी सुमीत शर्मा ने बताया कि लोक निर्माण मंत्री प्रदेश में आपदा से हुए उनके विभाग के नुक्सान की भरपाई के मेकैनिज्म को तैयार करने की बजाय मात्र बयानबाजी कर समाचार पत्रों की सुर्खियों में बने रहना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से केंद्र की मोदी जी के नेतृत्व वाली सरकार ने देश मे प्रत्येक क्षेत्र में व्यापक सुधार कर इन 9 वर्षों में लोकहित योजनाओं के माध्यम से देश के 140 करोड लोगों को लाभ देकर वास्तविक रूप में राम राज्य की कल्पना को साकार करने का काम किया है।उन्होंने बताया कि वर्ष 2014 से पहले भारत की अर्थव्यवस्था विश्व की दसवीं नंबर पर थी जो इन 9 वर्षों के अंदर आज पांचवें स्थान पर पहुंची है।
उन्होंने बताया कि राम राज्य के निर्माण में आज भारत में प्रत्येक गरीब, शोषित, वंचित समाज के व्यक्ति को मोदी सरकार की किसी न किसी योजना के माध्यम से शत प्रतिशत लाभ मिला है।जिस कारण आज भारत का प्रत्येक नागरिक स्वाभिमान और स्वावलंबी जीवनयापन कर रहा है। मोदी सरकार की इन्ही योजनाओं के तहत स्वच्छ भारत अभियान में महिलाओं को खुले में शौच जाने से जहाँ मुक्ति मिली है वहीं उनका आत्मसम्मान को भी बनाए रखने में सार्थक भूमिका अदा की है।
उन्होंने बताया कि जहां गंभीर बीमारी के इलाज के लिए आयुष्मान योजना का लाभ मिला वहीं महिलाओं को धुंआमुक्त रसोई मुहैया करवाने में उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त गैस सिलेंडर देकर उनके जीवन को स्वस्थयुक्त बनाने का भी काम किया है। आवास योजना के तहत गरीब को रहने के लिए आशियाना मिले,किसान को सम्मानित जीवन के लिए किसान सम्मान योजना सहित जीवन ज्योति बीमा योजना ,वंचित समाज को स्टार्टअप योजना, मेक इन इंडिया के तहत स्वरोजगार के अवसर प्रदान कर आस्था स्वरूप जय श्रीराम नारे के साथ इन योजना के माध्यम से समाज के सभी वर्गों को लाभ देकर सही मायने में राम राज्य की स्थापना करने का अब तक सफल प्रयास किया है। जबकि दूसरी तरफ जब-जब कांग्रेस की देश में और प्रदेश में सरकारें आई हैं तो उनका अधिकतर कार्यकाल भ्रष्टाचारयुक्त व माफिया युक्त ही रहा है। प्रदेश में बहुत से कांड कांग्रेसनीत की सरकारों की देन रहें हैं जिनके घाव आज भी आम जनमानस के जहन में बने हुए हैं।
उन्होंने कहा कि विक्रमादित्य को अपने आपको मुख्यमंत्री का हितैषी सिद्ध करने से पहले ऐसी बयानबाजी करने के बजाए पहले कुछ तुलनात्मक आंकड़ों का अध्ययन करना चाहिए था। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के लिए क्या नियम होते हैं? उसकी अधिक और पुख्ता जानकारी भी संवैधानिक पद पर बैठे हुए मंत्री विक्रमादित्य को अवश्य होगी।इस लिए बार बार इस विषय पर मीडिया में बोलने की बजाए धरातल पर आपदा पीड़ितों को केंद्र से मिल रहे सहयोग को भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा जी व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहे भाव अनुसार कि हिमाचल प्रदेश को केंद्र की मोदी सरकार आपदा के समय में हुए नुकसान की पूरी भरपाई के लिए हर संभव कोशिश करेगी।परिणामस्वरूप एभी तक आपदा प्रबंधन में 800 करोड़ की धनराशि, प्रदेश के लिए स्वीकृत 2890 करोड़ की लागत से प्रदेश की 284 ग्रामीण सड़कों के निर्माण के लिए प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत धनराशि, साथ ही ग्रामीण विकास मंत्रालय ने हिमाचल प्रदेश में 11000 घरों को प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत स्वीकृत किया है ताकि इस आपदा में जिन लोगों के आशियाने उजड़ गए हैं उनको केंद्र सरकार की सहायता से आशियाना बनाने में सहयोग हो सके। यहां यदि जरूरत है तो आशियाना निर्माण में ऐसे पीड़ित परिवारों को जमीन की जिसके लिए अभी तक प्रदेश सरकार जमीन मुहैया करवाने में असफल रही है, मात्र अखबारों में ही बयान बाजी हो रही है और इसके साथ-साथ केंद्र सरकार ने अधिकृत रूप में कहा है कि राष्ट्रीय उच्च मार्ग जिनका सुधारीकरण, सुदृढ़ीकरण व पुनर्निर्माण में केंद्र सरकार हस्तक्षेप कर निर्माण को पुख्ता करेगी। यह सब सहयोग केंद्र सरकार से राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन की परिभाषा के तहत ही किया जा रहे हैं ज्यादा बढ़िया हो की विक्रमादित्य प्रदेश के आपदा में पीड़ित लोगों को घरद्वार जाकर मदद कर अपनी सरकार की जवाबदेही को तय करें।और केंद्र सरकार से मिल रहे सहयोग को उन पीड़ितों तक पहुंचाने का बिना भेदभाव से प्रयास करें।