ऊना/सुशील पंडित: ऊना में एक क्रेडिट को-आप्रेटिव सोसाइटी द्वारा अचानक पोर्टल व ऑनलाईन लेन-देन बंद कर देने से लोगों के करीब पौने दो करोड़ रुपए फंस गए हैं। बीते करीब चार महीने पहले कंपनी के अधिकारी जिला ऊना सहित अन्य कार्यालय बंद कर रफूचक्कर हो चुके है। ऐसे में अब कंपनी में कार्यरत लोग व स्थानीय लोग अपने पैसों के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे है और प्रशासन के चक्कर लगा रहे है, लेकिन कहीं भी इन्हें राहत नहीं मिली है। आज एमसी पार्क में कंपनी में पैसे इनवेस्ट करने वाले लोगों ने जमकर रोष प्रदर्शन किया। इसके बाद एमसी पार्क से लेकर मिनी सचिवालय तक रैली निकाली और प्रशासन को ज्ञापन प्रेषित किया।
इस रोष प्रदर्शन में नरेंद्र कुमार, शमा चौधरी रीटा रानी, अंजु बाला, अनुराधा, रंजना, सुमन देवी, वीना, कमला देवी, प्रमिला देवी, आशा देवी, सोनिया देवी, राजवंत कौर, रेखा, राज कुमारी, मनजोत कौर, सरला कुमारी, रामप्यारी, प्रिया, यमुना देवी, कमलजीत, कुलविंद्र कुमार, महेंद्रपाल सहित अन्य लोगों ने बताया कि उक्त कंपनी वर्ष 2012 से देश के नौ राज्यों में व्यवसाय कर रही है। इसी वर्ष कंपनी ने हिमाचल प्रदेश सहित ऊना में भी अपने कार्यालय खोले थे। कंपनी ने क्षेत्र के लोगों को अधिक मुनाफे के सपने दिखाए। जिससे ऊना के सैकड़ों लोग इस कंपनी से जुड़ गए।
ऊना के लोगों ने लाखों रुपए इस कंपनी में इनवेस्ट कर रखे है। कंपनी द्वारा नवंबर 2024 तक सभी निवेशकों के जमा पैसे ब्याज सहित दिए। लेकिन दिसंबर 2024 में सोसाइटी के सभी सुविधा केंद्र बंद हो गए है। सोसाइटी ने अपने पोर्टल, पैनल, ऑनलाईन सुविधा तक बंद कर दी है। यहीं नहीं कंपनी की अधिकारिक साइट भी बंद हो चुकी है। अब सोसाइटी में किसी का भी पैसा जमा नहीं हो पा रहा है। ऐसे में लोगों को अपने पैसों को लेकर चिंता बढ़ गई है। इन लोगों ने बताया कि सोसाइटी में डीडीएस, आरडी, एफडी, एमआईपी सहित अन्य योजनाओं में लोगों ने इनवेस्टमेंट की हुई है। सोसाइटी द्वारा 10 से 12 प्रतिशत ब्याज दिया जा रहा है, जिसके झांसे में आकर ऊना के हजारों लोगों ने इसमें निवेश कर रखा था। वहीं अभिकर्ताओं को भी मोटा कमीशन दिया जा रहा है। लेकिन अब कंपनी ने अचानक अपना बिजनेस समेट लिया है। जिससे लोग अपने आपको ठगा सा महसूस कर रहे है।
वहीं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजीव भाटिया ने कहा कि उनके पास लोगों की शिकायत आई है। पुलिस मामले की उचित कार्रवाई में जुट गई है।