ऊना/सुशील पंडित:हिमाचल प्रदेश में आई भीषण आपदा ने पूरे प्रदेश को हिला कर रख दिया है। ऊना ज़िले की कुटलैहड़ विधानसभा भी इस तबाही से अछूती नहीं रही। यहां कई परिवार बेघर हो गए हैं, लोगों की वर्षों की मेहनत से बनी ज़मीन और फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं।

इसी बीच कुटलैहड़ से पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता वीरेंद्र कंवर लगातार प्रभावित क्षेत्रों में डटे हुए हैं। भाजपा कार्यकर्ताओं और कुटलैहड़ सेवा संगठन के साथ मिलकर वे पीड़ित परिवारों तक आर्थिक मदद, राशन और अन्य आवश्यक सामग्री पहुँचा रहे हैं।
कंवर ने रायपुर मैदान क्षेत्र के अंदरोली, दोबड़ और परोइयाँ गांवों का दौरा कर कहा कि प्रदेश सरकार वास्तविक हालात से मुंह मोड़ रही है। “सरकार कह रही है कि केवल 50-60% फसलें खराब हुई हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि किसान की मेहनत की 100% फसल तबाह हो चुकी है।यह सरकार आंकड़े छुपाकर जनता को धोखा दे रही है।”
कंवर की मांगें: मनरेगा के तहत डंगे बनाने की राशि 50 हज़ार से बढ़ाकर 1 लाख की जाए और इसकी स्वीकृति शक्ति सीधे ग्रामसभा को दी जाए।
जिनके मकान पूरी तरह असुरक्षित या गिर चुके हैं, उन्हें कम से कम 10 लाख रुपये की राहत दी जाए।
जिन किसानों की ज़मीन बह गई है, उन्हें सरकार किसी सुरक्षित जगह पर नई ज़मीन आबंटित करे।
कंवर ने कहा कि यह वक्त फाइलों में आंकड़े छुपाने का नहीं बल्कि लोगों के आंसू पोंछने का है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने तुरंत राहत देने के ठोस कदम नहीं उठाए तो जनता इसे कभी माफ नहीं करेगी।
उन्होंने कहा, “मैं हर पल कुटलैहड़ के लोगों के साथ खड़ा हूँ। सरकार चाहे संवेदनशील बने या न बने, मैं अपने लोगों को अकेला नहीं छोड़ूंगा।” वहीँ थानाकलां से परोइयाँ जाने वाली सड़क पूरी तरह से बंद है और वीरेंद्र कंवर कार्यकर्ताओं के साथ नाव के माध्यम से प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंच रहे हैं।