ऊना/सुशील पंडित: वशिष्ट पब्लिक स्कूल ऊना में छात्रों की प्रतिभा को उभारने के लिए विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। जिसमें कक्षा पहली से चौथी के लिए ‘इंग्लिश कैलीग्राफी प्रतियोगिता’ तथा कक्षा पांँचवीं से दसवीं के लिए ‘डेक्लामेशन प्रतियोगिता’ का आयोजन किया गया। जिसमें बच्चों ने बढ़- चढ़कर भाग लिया। इंग्लिश कैलीग्राफी प्रतियोगिता का उद्देश्य छात्रों के सुंदर और स्पष्ट अंग्रेज़ी हस्त लेखन को प्रोत्साहित करना है, जबकि डेक्लामेशन प्रतियोगिता का उद्देश्य छात्रों में आत्मविश्वासपूर्वक प्रभावशाली भाषण कला का विकास करना है।
डेक्लामेशन प्रतियोगिता के लिए छात्रों को विभिन्न विषय दिए गए जैसे कि साइबर बुलिंग: ए मॉडर्न थ्रेट टू स्टूडेंट्स, क्लाइमेट चेंज इज रियल: एक्ट बिफोर इट्स टू लेट, डिसिप्लिन: द ब्रिज बिटवीन गोलज एंड अकांप्लिशमेंट ,सोशल मीडिया: कनेक्टिंग और आइसोलेटिंग अस, स्पोर्ट्स: बिल्डिंग कैरेक्टर एंड कॉन्फिडेंस इत्यादि। इंग्लिश कैलीग्राफी प्रतियोगिता में स्ट्रॉबेरी ग्रुप (कक्षा प्रथम)से ईशान प्रथम, आव्या कौर द्वितीय तथा हरजस कौर, अभिधा रावल तृतीय स्थान पर रहे। कक्षा दूसरी से नित्या धीमान प्रथम, जैस्मिन द्वितीय तथा अराध्या, गुरसीरत तृतीय स्थान पर रहे।
एप्पल ग्रुप ( कक्षा तीसरी) से सूर्यांश राणा प्रथम, आयुष,भार्गव सहोर द्वितीय तथा हर्षित तृतीय स्थान पर रहे। कक्षा चौथी से प्रियांशी शर्मा प्रथम, विदंत शर्मा, प्रियल द्वितीय तथा काशवी, अकीरा दीप तृतीय स्थान पर रहे। डेक्लामेशन प्रतियोगिता में ऑरेंज ग्रुप से अलिसिया, तृषा राणा प्रथम, सीरत कौर, आशना नाग द्वितीय तथा सनविका शर्मा, अवनी ठाकुर तृतीय स्थान पर रहे। मैंगो ग्रुप से विनायक प्रथम, अक्षमा, अर्शिया चब्बा द्वितीय तथा इशिका राणा, सुहाना अरोड़ा तृतीय स्थान पर रहे। ग्रुप मेलन से गुरलीन कौर प्रथम, कनन ठाकुर, नंदिनी पुरी द्वितीय तथा तनीशा धीमान, अन्वेशा तृतीय स्थान पर रहे।
स्कूल के निदेशक अनुज वशिष्ट ने कहा कि शैक्षणिक जीवन में लेख का सर्वाधिक महत्व होता है। सुंदर लेख व्यक्ति के व्यवहार एवं आचरण को भी संतुलित एवं नियंत्रित रखता है। हम विद्यार्थियों के प्रत्येक कौशल पर विशेष ध्यान देते हुए उसे हर प्रकार से सर्वोत्तम बनाने के लिए तत्पर रहेंगे। स्कूल के प्रधानाचार्य दीपक कौशल ने कहा कि इस तरह की प्रतियोगिताओं से विद्यार्थी विचारों की प्रभावशाली व क्रमिक अभिव्यक्ति करना सीखते हैं और विचारों की अभिव्यक्ति के साथ-साथ विद्यार्थियों की बोध शक्ति, मौलिक चिंतन शक्ति व तर्क शक्ति का भी विकास होता है।