पुणे: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने अपने एक स्थानीय नेता और उनके बेटे का नाम दहेज उत्पीड़न एवं आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में सामने आने के बाद उन्हें पार्टी से निकाल दिया है। वीरवार को पार्टी ने यह जानकारी दी। राकांपा के पुणे जिला प्रमुख शिवाजी गर्जे ने एक बयान में कहा कि राजेंद्र हगवणे और उनका बेटा सुशील दोनों फरार हैं। उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। पार्टी अध्यक्ष और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि उन्होंने पुलिस से कहा है कि अगर आवश्यक हो तो पिता-पुत्र की जोड़ी को पकड़ने के लिए अतिरिक्त टीम तैनात की जाएं।
वहीं दूसरी ओर नेता राजेंद्र हगवणे की बहू वैष्णवी के आत्महत्या के मामले में पुलिस ने बड़ा कदम उठाया है। पुलिस ने एनसीपी नेता के बेटे, पत्नी और बेटी को आत्महत्या के लिए उकसाने और दहेज प्रताड़ना के आरोप में गिरफ्तार किया है। यह घटना 16 मई को भुक्रम क्षेत्र स्थित ससुराल में हुई थी, जहां वैष्णवी फांसी पर लटकी मिली थी। बवधन पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर में वैष्णवी के पिता अनिल साहेबराव कासपाटे (51) ने आरोप लगाया है कि शादी के समय उन्होंने अपनी बेटी को 510 ग्राम सोना, चांदी और एक फॉर्च्यूनर एसयूवी दहेज में दी थी। बावजूद इसके, वैष्णवी के ससुरालवाले उस पर मानसिक और शारीरिक दबाव बना रहे थे कि वह 2 करोड़ रुपये और लाकर दे, जिससे वे संपत्ति खरीद सकें।
एफआईआर में यह भी उल्लेख किया गया है कि वैष्णवी के शरीर पर चोट के निशान पाए गए हैं, जिससे परिजन इसे आत्महत्या नहीं बल्कि सुनियोजित हत्या मान रहे हैं। उनका आरोप है कि यह घटना एक सुनियोजित साजिश के तहत अंजाम दी गई है। पुलिस ने वैष्णवी के पति शशांक हगवणे, सास लता हगवणे और ननद करिश्मा हगवणे को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, एनसीपी नेता और ससुर राजेंद्र हगवणे तथा देवर सुशील हगवणे फरार हैं। बवधन पुलिस का कहना है कि फरार आरोपियों की तलाश जारी है और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।
पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, मौत का कारण फांसी है। लेकिन कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है, इसलिए हम सभी संभावित एंगल से मामले की जांच कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मामला केवल आत्महत्या का नहीं हो सकता, इसलिए हत्या की आशंका को भी नजरअंदाज नहीं किया जा रहा। यह मामला सामने आने के बाद न केवल पिंपरी-चिंचवड़ बल्कि पूरे महाराष्ट्र में राजनीतिक और सामाजिक हलकों में हड़कंप मच गया है। एक राष्ट्रीय पार्टी से जुड़े नेता के परिवार का नाम सामने आना, कानून व्यवस्था और महिला सुरक्षा पर सवाल खड़े कर रहा है।