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AI का Use करना Student को पड़ा महंगा, फेल होने पर High Court पहुंचा मामला

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नई दिल्लीः AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर कई लोग पूरी तरह निर्भर रहने लगे हैं। स्कूल-कॉलेज के बच्चे भी होमवर्क और असाइनमेंट में AI की मदद लेने लगे हैं। हाल ही में एक ऐसा ही मामला सामने आया, जिसमें AI की मदद से असाइनमेंट बनाने पर एलएलएम स्टूडेंट को फेल कर दिया गया।

जानकारी अनुसार ओपी जिंदल ग्लोबस यूनिवर्सिटी ने एलएलएम की पढ़ाई कर रहे एक स्टूडेंट को परीक्षा में फेल कर दिया। इसका कारण असाइनमेंट में AI का इस्तेमाल बताया गया। छात्र ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में इस रिजल्ट के खिलाफ आपत्ति दर्ज करवाई है। इस पर संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने यूनिवर्सिटी को नोटिस जारी किया है।

बता दें कि छात्र को यूनिवर्सिटी में एक विशेष विषय पर प्रश्नों के लिए सबमिशन तैयार करना था।उसने एआई की मदद से असाइनमेंट बना दिया। यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर को जब पता चला कि स्टूडेंट ने असाइनमेंट पूरा करने के लिए एआई का इस्तेमाल किया है तो उन्होंने उसे उस विषय में फेल कर दिया। इससे नाराज और परेशान एलएलएम स्टूडेंट ने विश्वविद्यालय के निर्णय को हाई कोर्ट में चुनौती दी। याचिकाकर्ता कौस्तुभ शक्करवार की याचिका पर न्यायमूर्ति जसगुरप्रीत सिंह पुरी ने सुनवाई की। कौस्तुभ ने अपनी दलील में कहा कि यूनिवर्सिटी के परीक्षा नियंत्रक और अनुचित साधन समिति ने उसे सुनवाई का मौका नहीं दिया।

स्टूडेंट कौस्तुभ शक्करवार मुंबई के हैदराबाद एस्टेट का रहने वाला है। वह इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स और टेक्नोलॉजी लॉ में एलएलएम की पढ़ाई कर रहा है। स्टूडेंट का कहना है कि यूनिवर्सिटी ने एआई-जनरेटेड सामग्री के इस्तेमाल की पुष्टि करने वाले पर्याप्त सबूत अभी तक प्रस्तुत नहीं किए हैं। ऐसे में उसे फेल कैसे किया जा सकता है।

कौस्तुभ शक्करवार ने यह सवाल उठाया कि क्या परीक्षा में एआई के इस्तेमाल को प्रतिबंधित करने वाला कोई स्पष्ट नियम है? जब उन्हें बताया गया कि उन्होंने परीक्षा पास नहीं की है तो शक्करवार ने परीक्षा अपीलीय समिति के समक्ष निर्णय की अपील की। उन्होंने आरोप लगाया कि परीक्षा नियंत्रक ने 4 महीने की देरी के बाद बिना सुनवाई के अपील खारिज कर दी। यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर कई लोग पूरी तरह निर्भर रहने लगे हैं। स्कूल-कॉलेज के बच्चे भी होमवर्क और असाइनमेंट में एआई की मदद लेने लगे हैं। हाल ही में एक ऐसा ही मामला सामने आया, जिसमें एआई की मदद से असाइनमेंट बनाने पर एलएलएम स्टूडेंट को फेल कर दिया गया।

जानकारी अनुसार ओपी जिंदल ग्लोबस यूनिवर्सिटी ने एलएलएम की पढ़ाई कर रहे एक स्टूडेंट को परीक्षा में फेल कर दिया। इसका कारण असाइनमेंट में एआई का इस्तेमाल बताया गया। छात्र ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में इस रिजल्ट के खिलाफ आपत्ति दर्ज करवाई है। इस पर संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने यूनिवर्सिटी को नोटिस जारी किया है। बता दें कि छात्र को यूनिवर्सिटी में एक विशेष विषय पर प्रश्नों के लिए सबमिशन तैयार करना था।उसने एआई की मदद से असाइनमेंट बना दिया। यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर को जब पता चला कि स्टूडेंट ने असाइनमेंट पूरा करने के लिए एआई का इस्तेमाल किया है तो उन्होंने उसे उस विषय में फेल कर दिया। इससे नाराज और परेशान एलएलएम स्टूडेंट ने विश्वविद्यालय के निर्णय को हाई कोर्ट में चुनौती दी।

याचिकाकर्ता कौस्तुभ शक्करवार की याचिका पर न्यायमूर्ति जसगुरप्रीत सिंह पुरी ने सुनवाई की। कौस्तुभ ने अपनी दलील में कहा कि यूनिवर्सिटी के परीक्षा नियंत्रक और अनुचित साधन समिति ने उसे सुनवाई का मौका नहीं दिया। स्टूडेंट कौस्तुभ शक्करवार मुंबई के हैदराबाद एस्टेट का रहने वाला है। वह इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स और टेक्नोलॉजी लॉ में एलएलएम की पढ़ाई कर रहा है। स्टूडेंट का कहना है कि यूनिवर्सिटी ने एआई-जनरेटेड सामग्री के इस्तेमाल की पुष्टि करने वाले पर्याप्त सबूत अभी तक प्रस्तुत नहीं किए हैं। ऐसे में उसे फेल कैसे किया जा सकता है।

कौस्तुभ शक्करवार ने यह सवाल उठाया कि क्या परीक्षा में एआई के इस्तेमाल को प्रतिबंधित करने वाला कोई स्पष्ट नियम है? जब उन्हें बताया गया कि उन्होंने परीक्षा पास नहीं की है तो शक्करवार ने परीक्षा अपीलीय समिति के समक्ष निर्णय की अपील की। उन्होंने आरोप लगाया कि परीक्षा नियंत्रक ने 4 महीने की देरी के बाद बिना सुनवाई के अपील खारिज कर दी।

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