एन यू इंडिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने किया छात्रों से करियर काउंसलिंग को लेकर संवाद
युवा उद्योगों से जुडें शैक्षणिक कोर्सों को दें महत्व: रणेश राणा
रावमा विद्यालय में पहुंचे थे प्रेरणादायक स्पीकर के रुप में पहुंचे
बददी/सचिन बैंसल:जिला उना के गगरेट विस के तहत राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कड़ड में नैशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट (इंडिया) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ रणेश राणा छात्रों ने कैरियर कौंसिलग को लेकर संवाद किया।मोटिवेशनल स्पीकर के रुप में हिमालय फाउंडेशन के राज्य प्रभारी डॉ रणेश राणा ने छात्रों को कैरियर काऊंसलिंग के साथ साथ सार्थक जीवन जीने का तरीका व लक्ष्य को पूरा करने के तरीकों बारे बताया। उन्होने कहा कि विद्यालय व कालेज में पढ़ाई करने का अर्थ यह नहीं है कि इससे हमें नौकरी मिलेगी बल्कि इसका अर्थ है कि इससे हमारा बौद्विक विकास होता है और हम इंसान की श्रेणी में आते हैं। उन्होने कहा कि आज जीवन में जो भी लक्ष्य चुनें फिर दिन रात उसी के बारे में सोचें और फालतू की बातों को अपने जीवन से हटा लें। यही उम्र होती है जब हमारी सारी मेहनत का असर हमारे पूरे जीवन में पड़ता है। उन्होने कहा कि पढ़ाई व कोर्स करके सिर्फ सरकारी नौकरी की आस में न रहें ।
हिमाचल प्रदेश के उद्योगों विशेषकर बददी बरोटीवाला नालागढ़ के उद्योगों में रोजगार के असीमीत साधन हैं। हमें इसी प्रकार के कोर्स करने चाहिए जो कि उद्योगों के लिहाज से बने हुए हों जिसमें कंपयूटर व बीफार्मा व एम फार्मा प्रमुख है। कंपनियों में हर प्रकार के युवाओं के लिए रोजगार है जिमसें मजदूर से लेकर मैनेजर तक की पोस्टें होती हैं। उन्होने कहा कि अगर स्कूल प्रबंधन ने ईजाजत दी तो राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के बच्चों को इंडस्ट्रीयल एरिया बददी में लघु उद्योग संघ की ओर से औद्योगिक भ्रमण करवाया जाएगा ताकि वो औद्योगिक कल्चर से रुबरु हो सकें। डॉ राणा जो कि ने आगे कहा कि छात्रों को रोजाना समाचार पत्र पढऩे की आदत होनी चाहिए ताकि हमारा ज्ञानवर्धन हो सके। हमें अपने मां बाप के अलावा अपने गुरुजनों के दिखाए रास्ते पर चलना चाहिए।
उन्होने कहा कि हमारे छात्र जीवन में हमारी संगति बहुत मायने रखती है और उसका असर हमारे पूरे जीवन पर पड़ता है। अगर हम गलत आचरण वाले छात्रों के साथ रहते हैं तो हमारा कैरियर अगर बनना भी है तो बिगड जाएगा वहीं अगर हमारी संगत अच्छी है तो हम बुरे से बुरे दौर व संकट से भी निकल सकते हैं। सेवा, समपर्ण और साधना से सब कुछ जीता जा सकता है। अध्यापक अश्विनी धीमान ने छात्रों को ताकीद दी कि हमें दूसरों को जज नहीं करना है बल्कि स्वयं मेहनत करके अपनी मंजिल तक पहुंचाना है। हमारे अंदर कोई न कोई हुनर होना चाहिए क्योंकि दुनिया हुनर की कद्र करती है। छात्रों ने अलग अलग अपने संवाद में कहा कि आज हमें बहुत कुछ सीखने को मिला है। हमें पता चला है कि अलग व स्वतंत्र रहकर कैसे जिम्मेदारियों का निर्वहन किया जाता है। हमारे मां बाप किस कद्र मेहनत करके हमें पढ़ाते हैं और हमारी जिम्मेदारियां उठाते हैं।
Disclaimer: All news on Encounter India are computer generated and provided by third party sources, so read carefully and Encounter India will not be responsible for any issue.