नई दिल्ली : यूं तो नवरात्र 9 दिनों कह होती है, लेकिन शारदीय नवरात्र में इसकी दशमी तिथि भी अत्यंत महत्व रखती है। दरअसल इसी दिन यानि अश्विन मास की दशमी तिथि को पूरे देश में दशहरा या विजयादशमी का त्योहार मनाया जाता है। इस त्योहार को आज पूरे देशभर में बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष शारदीय नवरात्रि के समापन के अगले दिन विजय दशमी का त्योहार मनाया जाता है। इस बार आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 24 अक्तूबर 2023 को है। दुर्गा पूजा के 10वें दिन मनाई जाने वाली विजयादशमी असत्य, अंहकार, अत्याचार और बुराई पर सत्य, धर्म और अच्छाई की विजय का प्रतीक है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्रीराम ने अधर्म, अत्याचार और अन्याय के प्रतीक रावण का वध किया था। इसके अलावा देवी दुर्गा ने महिषासुर नामक असुर का वध करके धर्म और सत्य की रक्षा की थी। इस दिन भगवान श्री राम, दुर्गाजी, लक्ष्मी, सरस्वती, गणेश और हनुमान जी की आराधना करके सभी के लिए मंगल की कामना की जाती है। समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए विजयादशमी पर रामचारित मानस आदि का पाठ किया जाना शुभ माना जाता है। विजयादशमी के पर्व को अबूझ मुहूर्त माना गया है यानी इस पर्व पर बिना शुभ मुहूर्त देखे सभी तरह के शुभ कार्य किए जा सकते हैं।
मांगलिक कार्यों के लिए यह दिन शुभ
दशहरा या विजयादशमी यानि अश्विन मास की दशमी तिथि सर्वसिद्धिदायक तिथि मानी जाती है। इसलिए इस दिन सभी शुभ कार्य फलकारक माने जाते हैं। वहीं ज्योतिष में दशहरा के दिन बच्चों का अक्षर लेखन, घर या दुकान का निर्माण, गृह प्रवेश, मुंडन, नामकरण, अन्नप्राशन, कर्ण छेदन, यज्ञोपवीत संस्कार और भूमि पूजन आदि कार्य शुभ माने गए हैं। लेकिन ध्यान रखें विजयादशमी के दिन विवाह संस्कार को निषेध माना गया है।