ऊना/सुशील पंडित : जिला ऊना के ट्रांसपोर्ट ऑपरेटरों द्वारा आज एक आक्रोश रैली एमसी पार्क से लेकर डीसी ऑफिस तक निकाली गई। जिसमें ट्रांसपोर्टरों ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के गुड्स ट्रांसपोर्ट लोगों की आजीविका का एक मुख्य साधन है प्रदेश के औद्योगिकरण में ट्रांसपोर्ट की अहम भूमिका है।
सरकार की यह नीति रही है कि औद्योगिक क्षेत्रों के अंदर यहां के स्थानीय लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के साधन उपलब्ध हो इसमें ट्रांसपोर्ट के माध्यम से लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलता है इसके साथ ही हम यह भी कहना चाहते हैं कि ट्रांसपोर्ट के साथ अन्य वर्ग के लोगों को भी रोजगार मिलता है और उन में मुख्य रूप से वे लोग शामिल हैं जो कम पढ़े लिखे होते हैं जैसे कि टायर पंचर की दुकान रिपेयर चाय व खाना बनाने की दुकान टायर रिपेयर पेट्रोल पंप इत्यादि अगर इसका आंकलन किया जाए जितना रोजगार हिमाचल प्रदेश में औद्योगिक क्षेत्र से मिलता है उससे कहीं अधिक रोजगार अप्रत्यक्ष रूप से ट्रांसपोर्ट के माध्यम से दिया जाता है पर सरकार को यह तथ्य जाने बिना कि गाड़ी चलाने की क्या लागत है। यूनियन के नाम से भ्रमित करके यह ट्रांसपोर्ट के ऊपर अधिक भाड़ा वसूलने के आरोप इंडस्ट्री वाले के कहने पर लगाए जाते हैं जो कि सरासर तथ्यों के विपरीत है।
हम प्रदेश सरकार के संज्ञान में यह बात स्पष्ट रूप में लाना चाहते हैं कि हम प्रदेश के औद्योगिकरण में अपनी पूरी निष्ठा के साथ भागीदारी निभाना चाहते हैं क्योंकि जब प्रदेश खुशहाल होगा तभी प्रदेश की जनता खुशहाल होगी इसके साथ यह भी निवेदन करना चाहते हैं कि हमारी समस्याओं को समझ कर उसका समाधान निकाला जाए।
जैसे कि पिछले कुछ वर्षों में ट्रांसपोर्ट की ढुलाई की लागत बहुत बढ़ गई है लागत बढ़ने के कारण मुख्य कारण जैसे डीजल के मूल्य में वृद्धि टायर मूल्य, इंश्योरेंस के मूल्य में वृद्धि होने ,गाड़ियों के मूल्य में लगभग 10 लाख की बढ़ोतरी होना इत्यादि इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार कई शहरों में 10 वर्ष से अधिक पुरानी गाड़ियों के एंट्री पर रोक इन्हीं सब कारणों के बावजूद ट्रांसपोर्ट के किरायों में इस अनुपात में वृद्धि न होने के कारण ट्रांसपोर्ट एक बहुत ही नाजुक स्थिति से गुजर रहा है उन्होंने राज्य सरकार से अनुरोध किया कि यहां उद्योगों में ढुलाई का कार्य यहां के स्थानीय लोगों को मिलना चाहिए यहां के लोगों ने अपनी जमीन उद्योग लगाने हेतु दी ताकि उन्हें प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिल सके और एक कमेटी का गठन किया जाए।
जिसमें ट्रांसपोर्ट के बच्चों को जोड़कर किलोमीटर के हिसाब से भाड़े तय किए जाएं और सरकार द्वारा ट्रांसपोर्ट सोसाइटी के लिए ट्रांसपोर्ट पॉलिसी बनाई जाए ट्रांसपोर्ट की हालत को देखते हुए अभी राज्य सरकार ने टोकन टेक्स्ट ब गुड्स टैक्स को इकट्ठा कर स्पैशल रोड टैक्स के माध्यम से लिया जा रहा है उसके लिए जो गुड की एनओसी है उसमें ब्याज व जुर्माना के बिना पिछले बकाया जो बनता है उसे सरकार द्वारा निर्धारित समय पर जमा करवा दिया जाएगा। सरकार की इस नीति से कोई भी ट्रांसपोर्ट भविष्य में डिफॉल्टर नहीं होगा और हिमाचल नंबर के सभी ट्रकों के लिए टैक्स माफ किया जाए। यह मांग भी ट्रांसपोर्टरों द्वारा सरकार से की गई। इस मौके पर प्रधान सतीश कुमार गोगी, महासचिव सुरजीत सिंह, प्रवक्ता मीडिया पंकज दत्ता, उप प्रधान अशोक कुमार, कैशियर रजनीश शर्मा बिक्का ब समूह ट्रक यूनियनों के अधिकारी कर्मचारी और ड्राइवर क्लीनर मौजूद थे।
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