जालंधर/ऊना/सुशील पंडित: डॉ. बी.आर. अंबेडकर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी) जालंधर के प्रतिभाशाली वैज्ञानिक डॉ. करण वीर ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। विश्व स्तर पर प्रतिष्ठित स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा जारी टॉप 2% वैज्ञानिकों की सूची में डॉ. करण वीर लगातार दूसरे वर्ष भी शामिल हुए हैं।
डॉ. वीर का शोध क्षेत्र मेडिसिनल एवं बायोमोलेक्यूलर केमिस्ट्री है। उन्होंने PhD की उपाधि थापर इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, पटियाला से प्राप्त की है और इसके बाद प्रतिष्ठित डॉ. डी.एस. कोठारी पोस्ट-डॉक्टोरल फेलोशिप के अंतर्गत अनुसंधान कार्य किया है। उनके वैज्ञानिक योगदान ने न केवल एनआईटी जालंधर का मान बढ़ाया है, बल्कि हिमाचल प्रदेश के ऊना ज़िले का भी नाम रोशन किया है।
डॉ. करण वीर के पिता जल शक्ति विभाग (IPH) से सेवानिवृत्त अधिकारी हैं, जबकि माता जी एक गृहणी हैं। सादगी भरे पारिवारिक माहौल से निकलकर बेटे की यह सफलता पूरे ऊना ज़िले और हिमाचल प्रदेश के लिए गर्व का विषय है।
स्थानीय लोग और शिक्षा जगत इस खबर को लेकर बेहद उत्साहित हैं। यह सफलता बताती है कि मेहनत, लगन और समर्पण से पहाड़ों के छोटे कस्बों से निकले युवा भी विश्व पटल पर अपनी अलग पहचान बना सकते हैं। वाकई यह ऊना ज़िले और परिवार के लिए “गौरवशाली पल” है।