पुलिस का दावा अवैध खनन करने वालों से एक करोड़ रूपए जुर्माना वसूला
ऊना पुलिस ने पेश किया रिपोर्ट कार्ड
ऊना/सुशील पंडित: ऊना पुलिस ने शुक्रवार को साल 2023 का रिपोर्ट कार्ड पेश किया। पुलिस ने दावा किया है कि उसने जिले में कानून व्यवस्था को बेहतर किया है। हालांकि इस रिपोर्ट को उन्होंने वार्षिक गितिविधियों की एक झलक नाम दिया है। इसमें पुलिस का दावा है कि जिले में इस वर्ष केवल 6 हत्याएं ही हुई हैं। जहां तक कुल आपराधिक मामलों की बात है तो सभी जिलों के थानों में कुल 1419 मामले दर्ज हुए हैं। ऊना पुलिस ने गुंडा एक्ट का एक बिंदू भी पेश किया है कि उन्होंने जिले में गुंडा एक्ट का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है और उसे मंजूरी के लिए सरकार के पास भेजा है। पुलिस ने दावा किया है कि उन्होंने जिले में कुल 347 सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं जिससे अपराधियों और कानून व्यवस्था पर नजर रखने में सुविधा हो रही है। साथ ही अपराधिक मामलों की जांच में वैज्ञानिक तकनीकों के प्रयोग की बात भी रिपोर्ट में कही गई है। नशे के विरुद्ध कार्रवाई पर ऊना पुलिस का कहना है कि उन्होंने इस वर्ष 172 मामले केवल नशे के तस्करों के विरुद्ध दर्ज किए हैं जिनमें कुल 278 लोगों को गिरफ्तार किया गया। साथ ही 993 ग्राम हेरोईन, 5 किलोग्राम चरस, 3 किलोग्राम अफीम, 3 किलोग्राम गांजा, 2.80 क्विंटल चूरा पोस्त, 28180 नशीली गोलियां और 29024 नशीले कैप्स्यूल बरामद किए।
अवैध शराब पर भी ऊना पुलिस ने अपनी पीठ थपथपाई है। पुलिस का दावा है कि 133 मामले अकेले अवैध शराब बेचने वालों के विरुद्ध किए गए है। इन मामलों में 8643 लीटर व्हिस्की, रम व जिन और 1174 लीटर बियर पकड़ी है। अकेले मैहतपुर औद्योगिक क्षेत्र 420 पेटी शराब और 20 क्विंटल ईथेनॉल स्पिरिट जब्त की गई है।
अवैध खनन से त्रस्त ऊना जिले में इस वर्ष 942 वाहनों के चालान किए गए लेकिन उनसे महज 1.17 करोड़ का जुर्माना वसूल किया गया। जबकि एक अनुमान के मुताबिक अकेले ऊना से ही राजस्व को 50 करोड़ रूपए से भी अधिक का घाटा हो रहा है। वहीं पुलिस का दावा है कि उनके प्रयासों से वन काटुओं के विरुद्ध 16 मामले दर्ज किए गए हैं और 95.85 टन लकड़ी व विरोजे के 480 टिन जब्त किए गए हैं। पुलिस ने 175 लोगों पर सट्टेबाजी के पर्चे भी दर्ज किए हैं। हालांकि अब बड़ा सवाल यही बनता है कि पुलिस की कार्रवाई से आम जनता अभी तक संतुष्ट नहीं है। हिमाचल पुलिस में राजनेताओं का दखल भी बढ़ता जा रहा है और ऐसी रिपोर्टों में उन घटनाओं या फोन कॉल का जिक्र नहीं होता जिसमें नेताओं द्वारा जांच को प्रभावित करने की कोशिश की जाती है।
