जिला ऊना की 245 ग्राम पंचायतों के लगभग 400 प्रतिनिधियों ने लिया भाग
ऊना/सुशील पंडित: जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ऊना और ग्रामीण विकास विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आपदा प्रबंधन और आपदा जोखिम न्यूनीकरण में पंचायतों की भूमिका को लेकर जिला परिषद हॉल ऊना में दो दिवसीय उच्च स्तरीय कार्यशाला का सफलापूर्वक समापन्न हुआ। इस कार्यशाला में जिला ऊना की 245 ग्राम पंचायतों के लगभग 400 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इसमें प्रधान, उप प्रधान, वार्ड सदस्यों सहित पंचायत सचिव शामिल रहे। कार्यशाला का मुख्य मकसद पंचायती राज संस्थाओं की आपदा के प्रति तैयारियों, त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता और आपदाओं के प्रभाव को कम करने की क्षमताओं को सुदृढ़ करना था। इस दौरान आपदा लचीलेपन में स्थानीय नेतृत्व का निर्माण, समुदाय-आधारित आपदा प्रबंधन योजनाएँ बनाना, पीईआरसी योजना और जमीनी स्तर पर पूर्व चेतावनी प्रणालियों को मजबूत करने पर विशेष बल दिया गया।
कार्यक्रम में जिला पंचायत अधिकारी श्रवण कुमार ने मुख्यातिथि के रूप में शिरकत की। साथ ही बीडीओ ऊना केएल वर्मा विशिष्ट अतिथि और जिला आपदा प्रबंधन एवं प्राधिकरण के प्रशिक्षण विशेषज्ञ राजन कुमार भी उपस्थित रहे। कार्यशाला में ग्राम पंचायत विकास योजनाओं (जीपीडीपी) में डीआरआर का एकीकरण, ग्राम आपदा प्रबंधन समितियों (वीडीएमसी) का गठन और कार्यप्रणाली, सामुदायिक जागरूकता और जोखिम संचार रणनीतियाँ, आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के अंतर्गत पंचायत पदाधिकारियों की भूमिकाएँ और जिम्मेदारियाँ, राज्य में डीआरआर संरचना को बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा हाल ही में शुरू की गई पंचायत आपातकालीन प्रतिक्रिया केंद्र (पीईआरसी) योजना के प्रमुख विषयों पर चर्चा की गई।
इस मौके पर राजन कुमार ने पंचायत प्रतिनिधियों को भूकंप की तैयारी, अग्नि सुरक्षा, बाढ़ प्रतिक्रिया, सरकार द्वारा हाल ही में शुरू की गई पीईआरसी योजना और घटना प्रबंधन पर इंटरैक्टिव प्रशिक्षण सत्र, प्रदर्शन और अनुकरण अभ्यास आयोजित करके विस्तारपूर्वक जानकारी साझा की।