कुल्लूः हिमाचल में लगातार हो रही बारिश से भारी नुकसान हो रहा है। आनी उपमंडल के पटारना गांव में शुक्रवार भारी बारिश और भूस्खलन के कारण तीन भवन और तीन गोशालाएं पूरी तरह नष्ट हो गईं। इस आपदा में स्थानीय निवासी शारदा देवी की मलबे में दबने से मौत हो गई। लीला देवी लापता हैं। एक अन्य व्यक्ति घायल हुआ, जिसका इलाज आनी अस्पताल में चल रहा है। वहीं आज कुल्लू ज़िले के मणिकर्ण-कसोल मार्ग से चौंकाने वाला दृश्य सामने आया है।
लगातार बारिश के बीच सड़क धंसने से एक ट्रक अचानक फिसलकर नीचे जा गिरा, लेकिन गनीमत रही कि वह नीचे सड़क पर ही अटक गया। वरना बड़ा हादसा हो सकता था। इस घटना की वीडियो भी सामने आई है, जिसमें देखा जा सकता हैकि सड़क धंसने के दौरान कैसे लोगों द्वारा ट्रक को बचान की कोशिश की जा रही है। लेकिन लोग ट्रक को बचाने में नाकाम रहे और ट्रक फिसलकर नीचे गिर गया। गनीमत यह रही के नीचे सड़क पर ट्रक अटक गया और बड़ा हादसा होने से टल गया।
दूसरी ओर इस बार मानसून में नॉर्मल से अधिक बारिश के कारण सेब बागवानों करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है। भारी बारिश के कारण पहले बड़े पैमाने पर लीफ फॉल हुआ। बाद में फ्रूट ड्रॉप हो गया। ड्रॉपिंग से बगीचों में झड़े हुए सेब के ढेर लग गए। इस वजह से न तो सेब का अच्छा साइज और न ही क्वालिटी फ्रूट बन पाया। बागवानी विशेषज्ञों के अनुसार, एक्सेस रेन की वजह से 15 सितंबर के बाद होने वाला लीफ-फॉल इस बार जुलाई में ही शुरू हो गया था। नुकसान की यही बड़ी वजह है।
सेब उत्पादक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सोहन ठाकुर ने बताया कि अर्ली लीफ फॉल की वजह से सेब का अच्छा साइज नहीं बन पाया। सेब बगीचों में जो पत्तियां 15 सितंबर के बाद झड़ती थी, इस बार वह 15 जुलाई के बाद ही झड़ने लग गई। इससे सेब का साइज नहीं बन पाया। सेब की बड़े पैमाने पर ड्रापिंग हो गई। इससे बागवानों को लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है।