चंडीगढ़ः सेक्टर-46 स्थित एक पेट्रोल पंप पर ग्राहक पेट्रोल डालने के दौरान गड़बड़ी का मामला सामने आया है। जहां ग्राहक ने 2500 रुपए का पेट्रोल पंप से गाड़ी में भरवाया, लेकिन पंप के कर्मी द्वारा गाड़ी में 2200 रुपए का पेट्रोल डाला गया। इस दौरान कर्मी द्वारा 300 रुपए की गड़बड़ी की गई। इस दौरान ग्राहक द्वारा बिल मांगा गया तो कर्मी द्वारा पहले बिल देने को लेकर टाल-मटौल किया गया और कहा गया कि मीटर नहीं चल रहा है, जिसके कारण बिल की पर्ची नहीं निकल रही। हंगामा होने के बाद जब कर्मी द्वार बिल दिया गया तो गड़बड़ी का खुलासा हुआ। पंप पर हंगामा होने के बाद अधिकारियों को गड़बड़ी को लेकर सूचना दी गई।
जिसके बाद अधिकारियों द्वारा कार्रवाई करते हुए एक मशीन को प्रशासन ने सील कर दिया। वहीं, इस मामले की शिकायत पर जांच शुरू हो गई है। यह अपनी तरह का पहला मामला है। वहीं, इसके बाद भी प्रशासन एक्टिव हो गया है। साथ ही सारी चीजों पर नजर रखी जा रही है। सेक्टर-45 निवासी शादाब राठी ने मामले की शिकायत पुलिस स्टेशन-34 में दर्ज करवाई। दरअसल, मामला बढ़ने पर उसने पंप मैनेजर को बुलाकर पूरी बात बताई, लेकिन आरोप है कि मैनेजर ने भी उसकी कोई सुनवाई नहीं की। इसके बाद राठी ने इसकी सूचना पुलिस कंट्रोल रूम पर दी। समाजसेवी व आम आदमी पार्टी के नेता शादाब राठी ने बताया कि वे सुबह करीब 11 बजे सेक्टर-46 के पेट्रोल पंप पर गाड़ी में पेट्रोल डलवाने पहुंचे थे।
उन्होंने कर्मी को स्पष्ट रूप से 1500 रुपये का तेल डालने को कहा था, लेकिन कर्मी ने जानबूझकर 2500 रुपये का पेट्रोल डाल दिया और बाद में इसे गलती बताकर उनसे पूरी रकम वसूल ली। राठी ने अपने क्रेडिट कार्ड से भुगतान तो कर दिया लेकिन जब उन्होंने मशीन से निकला बिल मांगा तो कर्मी सकपका गया और बोला कि मशीन खराब है। राठी का कहना है कि जब उन्होंने मशीन की रीडिंग दिखाने को कहा तो कर्मियों ने टालमटोल शुरू कर दी और इधर-उधर बात को घुमाने लगा। इसके चलते उन्होंने मैनेजर को बुलाने की मांग की लेकिन वहां कोई भी जिम्मेदार अधिकारी मौजूद नहीं था। काफी देर तक हंगामा चलता रहा, नारेबाजी भी हुई। अंत में उन्होंने पुलिस को 112 नंबर पर कॉल कर मौके पर बुलाया।
पुलिस ने भी शिकायत को सही माना। राठी ने पंप के खिलाफ लिखित में शिकायत की और कार्रवाई की मांग की। इसके बाद पुलिस ने चंडीगढ़ प्रशासन के कानूनी माप विज्ञान विभाग के अधिकारियों को बुलाया। उन्होंने भी जांच की। विभाग के इंस्पेक्टर ललित मोहन ने जांच की और गड़बड़ी सही पाए जाने पर संबंधित मशीन को सील कर दिया। उन्होंने बताया कि पेट्रोल पंप पर अब कानूनी कार्रवाई की जाएगी। नियमों के तहत इस पर जुर्माना लगाया जाएगा, जिसकी न्यूनतम राशि 10 हजार से शुरू होती है। अगर जुर्माना अदा नहीं किया गया तो आगे कड़ी कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।