इस योजना से आमदनी के साथ साथ वातावरण को शुद्ध रखने में भी मिलेगा सहयोग
ऊना/सुशील पंडित: जिला ऊना के किसानों और जमींदारों के लिए बड़ी खुशखबरी है। अब पेड़ों को काटने से नहीं, बल्कि उन्हें सुरक्षित रखने से भी आय अर्जित की जा सकेगी। यह संभव हुआ है हिमाचल सरकार की नई पहल “कार्बन क्रेडिट योजना” के तहत, जिसकी जानकारी जिला वन मंडल अधिकारी ऊना, सुशील राणा ने दी। उन्होंने बताया कि पहले किसानों को पेड़ काटने पर ही आमदनी होती थी, लेकिन अब निजी भूमि पर लगाए गए पौधों को सुरक्षित रखकर भी किसान स्थाई आमदनी कमा सकेंगे। पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने और किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से हिमाचल सरकार ने Prockline Services Limited Company के साथ “एवरग्रीन प्रोजेक्ट” के नाम से एक महत्वपूर्ण समझौता (MoU) किया है।
इस समझौते के तहत प्रदेश में 50 हजार हेक्टेयर भूमि पर 25 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। जिला ऊना के लिए वर्ष 2026 में 5 लाख और वर्ष 2027 में 5 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यह पौधारोपण पूरी तरह निजी भूमि पर किया जाएगा, जिससे किसान सीधे आर्थिक लाभ प्राप्त कर सकें। नई व्यवस्था के अनुसार पौधे लगाने पर किसानों को कंपनी की ओर से प्रति पौधा 20 रुपये और पौधा सफल होने पर 50 रुपये दिए जाएंगे। पौधों के बढ़ने के बाद लगभग पांच वर्षों में कंपनी यह आकलन करेगी कि पौधों ने कितने यूनिट कार्बन क्रेडिट किया है। उत्पन्न आय का 65 प्रतिशत हिस्सा कंपनी, 30 प्रतिशत किसान और 5 प्रतिशत वन विभाग को मिलेगा।
सुशील राणा ने बताया कि जिला ऊना में खैर के पौधों पर विशेष जोर दिया जा रहा है, क्योंकि यहां की मिट्टी और जलवायु इनके विकास के लिए सबसे अनुकूल मानी जाती है। हालांकि किसानों की मांग पर आंवला, हरड़ और बेरड़ा के पौधे भी उपलब्ध करवाए जाएंगे। विभाग के पास वर्तमान में लगभग तीन लाख खैर के तैयार पौधे मौजूद हैं, जिन्हें आने वाले दिनों में लगाया जाएगा।
वन मंडलअधिकारी सुशील राणा ने जिला ऊना के किसानों से अपील की कि वे अपनी निजी भूमि पर पौधारोपण करवाने के लिए वन विभाग के अधिकारियों या कर्मचारियों से संपर्क करें। उनका कहना है कि यह प्रोजेक्ट किसानों की आय बढ़ाने के साथ-साथ पर्यावरण को भी शुद्ध और सुरक्षित बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।