कानपुर: कानपुर के कोरथा गांव में शनिवार शाम को मुसिबतों का पहाड़ टूट पड़ा। जब खबर मिली कि 26 लोगों की सड़क हादसे में जान चली गई है तो गांव में किसी के घर खाना तक नहीं पका। भीतरगांव मार्ग पर पानी से भरे तालाब में ट्रैक्टर-ट्रॉली पलटने से 12 महिलाएं, 9 बच्चे और 5 किशोर की जान चली गई। सभी चंद्रिका देवी के दर्शन कर अपने गांव लौट रहे थे। हादसे का कारण ट्रैक्टर चालक का नशे में होना रहा। अब गांव के हर दूसरे घर के बाहर शव रखे हुए हैं। यहां शवों के अंतिम संस्कार की तैयारी की जा रही है। हादसे में जिसने भी अपने किसी को खोया है वे बेसुध हैं। लोगों का रो-रोकर बुरा हाल है। पूरे गांव में केवल रोने की आवाज सुनाई दे रही है।
हादसे में किसी ने अपनी मां को खोया, किसी ने बेटी, किसी ने बहन, किसी ने पत्नी, किसी ने बेटा. अपनों को लाश देखकर लोगों के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। गांव का एक व्यक्ति ऐसा है जिसके छह सदस्य इस दुनिया में अब नहीं है। कोरथा के सिया राम की माँ, बेटा, भतीजी, भाभी, चाची, भांजी की मौत इस हादसे ने ले ली। CHC में 11 डॉक्टरों की टीम बुलाकर रात में ही पोस्टमार्टम करा लिया गया। जिसके बाद मृतकों के परिजनों को शव सौंप दिए गए। शवों का अंतिम संस्कार लगभग किया जा चुका है। साथ ही फरार ड्राइवर की भी तलाश की जा रही है।
गांव के ही रमेश निषाद के घर भी दुखों का पहाड़ टूटा है। उसकी बहू सहित सात साल और नौ साल को उसके दो बच्चे भी अब इस दुनिया में नहीं रहे। हादसे में 9 बच्चों सहित 5 किशोंरो की जान गई है। मंदिर से दो बच्चे खेलने के लिए खिलौने लेकर आए थे अब वे तालाव के पानी में उतरा रहे हैं। उन्हें क्या पता था कि अब वे कभी भी इन खिलौनों से नहीं खेल सकेंगे।
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