उत्तर प्रदेशः भारत में भैंस पालन काफी प्रचलन में है। लोग खेती के साथ-साथ भैंस पालन करके अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। भैंस पालन से बेहतर दूध उत्पादन के लिए अच्छी प्रजातियों का चुनाव भी जरूरी है, इसलिए हम भैंस की ऐसी 5 प्रमुख प्रजातियों के बारे में बताने जा रहे है जों किसानों के लिए चलता-फिरता ATM है।
मुर्रा नस्ल की भैंस किसानों के लिए बेहद लाभदायक होती है। मुर्रा भैंस का सिर छोटा और पूंछ लंबी होती है। साथ ही इसका पिछला हिस्सा सुविकसित होता है। इस भैंस का सिर, पूंछ और पैर पर सुनहरे रंग के बाल भी मिलते हैं। मुर्रा भैंस की गर्भावधि करीब 310 दिन की होती है। अगर इसकी अच्छी देखभाल हो तो ये भैंस हर दिन में 20 से 30 लीटर तक दूध देती है। इस भैंस की कीमत 50,000 रुपए से लेकर 2 लाख रुपए तक होती है।
भैंस की सुरती नस्ल मुख्य रूप से गुजरात में पाई जाती है। इसका रंग भूरा और सिल्वर ग्रे होता है साथ ही त्वचा काले या भूरे रंग की होती है। इस भैंस का मध्यम आकार, नुकीला धड़, लंबा सिर, उभरी हुई आंखें और हंसिया के आकार की सींग होती है। सुरती नस्ल की भैंस एक ब्यांत में औसतन 1700 से 1800 लीटर दूध देती है. साथ ही इसके दूध में वसा की मात्रा 8-12 प्रतिशत होती है। इस भैंस की कीमत 50,000 रुपए से लेकर 2 लाख रुपए तक होती है।
मेहसाणा नस्ल की भैंस काले, भूरे और सलेटी रंग की पायी जाती है। यही इसकी पहचान है। यह मुर्रा भैंस की तुलना में बड़ा होता है, लेकिन वजन उससे कम होता है। दूध उत्पादन के लिए भैंस की यह नस्ल बहुत अच्छी मानी जाती है। मेहसाणा भैंस प्रतिदिन 5-8 लीटर तक दूध देती हैं। मेहसाणा भैंस की कीमत 50 हजार से 1 लाख रुपए तक है।
भदावरी नस्ल की भैंसें आगरा, यमुना के चंबल की घाटी में बसे इटावा और ग्वालियर में भी पाई जाती है। इस भैंस की मुख्य पहचान तांबे जैसी लालिमा लिए बदामी रंग है। वहीं, भदावरी भैंस की शरीर का आकार मध्यम, आगे से पतला और पीछे से चौड़ा होता है। भदावरी नस्ल की भैंसें हर एक ब्यांत में लगभग 1200 से 1400 किलोग्राम तक दूध दे देती हैं। इसके दूध में 13 प्रतिशत तक फैट होता है। इसलिए ज्यादातर पशुपालक घी उत्पादन के लिए भदावरी नस्ल का पालन करते हैं।
गुजरात के गिर के जंगलों में पाई जाने वाली जाफराबादी भैंस को गिर गाय भी कहते हैं। अपनी शारिरिक मजबूती और दूध देने की क्षमता के आधार पर इसे दुधारु पशुओं की बाहुबली के नाम से जाना जाता है। जाफराबादी भैंस के दूध में 8 फीसदी फैट होता है। भैंस की ये प्रजाति हर दिन 30 से 35 लीटर दूध देती है जबकि एक ब्यांत में 2,000 लीटर से अधिक दूध दे सकती है।