चंडीगढ़ः पंजाब पुलिस के सेवानिवृत्त डीआईजी इंदरजीत सिंह सिद्धू ने शहर को स्वच्छता की राह दिखाई। दरअसल, 88 साल के 1981 बैच के आईपीएस अधिकारी शहर की सड़कों पर पड़ी गंदगी को रेहड़ी लेकर उठा रहे है। इंदरजीत सिंह सिद्धू 1996 में डीआईजी के पद से रिटायर हुए है। करीब एक लाख रुपये पेंशन लेने वाले ये अधिकारी पिछले लम्बे समय निष्काम भाव से शहर को साफ करने का काम कर रहे है। इनका कहना है कि इन्हें इस काम में 4 घंटे लग जाते है।
अधिकारी ने बातचीत के दौरान बताया कि एक बार ये विदेश दौरे पर गए, जहां गाड़ी में सफर दौरान कुछ खाने के बाद ये खाली पैकेट को बाहर फैंकने लगे तो साथ वाले साथी ने कहा कि यहां इस चीज़ का चालान हो जायेगा। जिसके बाद अधिकारी ने फैसला लिया कि जब विदेश में सफाई को लेकर इतनी जागरूकता एवं सख्ती है तो अपने देश भारत में क्यों नहीं हो सकती। तभी से पूर्व डीआईजी अपने सेक्टर की सफाई में जुट गए। हालांकि इनकी इस सेवा को देख लोग इन्हें किसी बड़े मैडल को दिये जाने की भी मांग कर रहे है, लेकिन इस अधिकारी का मानना है कि अगर लोग समझदार हो जाए और कूड़ा करकट को उसकी तय जगह पर फैंकने लग जाए, यही उनके लिए एक बड़ा मैडल होगा।
वहीं पूर्व डीआईजी ने कहा कि शहर की सफाई की केवल सरकार या निगम की जिम्मेदारी नहीं है, यह हमारी भी जिम्मेदारी है। लेकिन आजकल लोग केवल अपने घर की सफाई में ही लगे रहते हैं। वे बाहर की गंदगी को देखकर आंखें मूंद लेते हैं।” इंदरजीत सिंह का जुनून युवा पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा है कि जीवन के हर पड़ाव पर सामाजिक ज़िम्मेदारी निभाना संभव है। उनकी कड़ी मेहनत दर्शाती है कि एक अकेला व्यक्ति भी बदलाव की शुरुआत कर सकता है। वे कहते हैं, “सफाई ईश्वरीय भक्ति से भी बढ़कर है।” पहले उन्हें पागल कहा जाता था, लेकिन अब यहाँ के निवासी भी उनका समर्थन करते हैं।
