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कांवड़ यात्रा में आतंकी हमले का खतरा

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उत्तराखंडः सावन का पावन महीना शुरू हो गया है। सावन महीने की शुरुआत के साथ ही कांवड़ यात्रा भी शुरू हो गई है। शिवभक्तों में कांवड़ यात्रा को लेकर जबरदस्त उत्साह दिख रहा है तो वहीं अब इस यात्रा पर आतंकी हमले का खतरा भी मंडराता नजर आ रहा है। उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा पर आतंकी हमले का खुफिया इनपुट मिलने के बाद गृह मंत्रालय ने इसे लेकर एडवाइजरी जारी की है। 

गृह मंत्रालय ने उत्तराखंड और अन्य राज्यों को जारी की एडवाइजरी 

गृह मंत्रालय ने उत्तराखंड और अन्य राज्यों को भी एडवाइजरी जारी की है। उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक (DGP) अशोक कुमार ने आजतक से गृह मंत्रालय की एडवाइजरी मिलने की पुष्टि की है। अशोक कुमार ने आजतक से बात करते हुए कहा कि उत्तराखंड और अन्य राज्यों की पुलिस को गृह मंत्रालय की ओर से जारी एडवाइजरी सामान्य है।

कांवड़ यात्रा को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम: डीजीपी

उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा को लेकर हमारी पुलिस फोर्स पूरी तरह से अलर्ट है। उत्तराखंड के डीजीपी ने कांवड़ यात्रा को लेकर सुरक्षा इंतजामों पर भी बात की। उन्होंने कहा कि इस साल चार करोड़ से अधिक कांवड़ यात्रियों के उत्तराखंड आने और कांवड़ से गंगाजल ले जाकर अपने इलाके में भगवान शिव का जलाभिषेक करने के अनुमान हैं।

प्रशासन पूरी तरह सतर्क

उत्तराखंजड के डीजीपी ने कहा कि इस तरह के बड़े धार्मिक आयोजन को लेकर सुरक्षा के मोर्चे पर प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। उन्होंने कहा कि मेला इलाके को सुरक्षा के लिहाज से 12 सुपर जोन, 32 जोन और 120 सेक्टर्स में बांटा गया है। उत्तराखंड के डीजीपी ने कहा कि कांवड़ यात्रियों की सुरक्षा के लिए 10 हजार पुलिसकर्मी, केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की पांच कंपनियां, आतंक निरोधी दस्ता और बम स्क्वॉड के साथ ही जल पुलिस के जवानों को भी मेला क्षेत्र में तैनात किया गया है।

लगाए गए 400 सीसीटीवी कैमरे, ड्रोन से कावड़ की निगरानी करेंगे पुलिसकर्मी

उन्होंने कहा कि मेला क्षेत्र में सीसीटीवी से भी निगरानी की जाएगी। इसके लिए 400 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। पुलिसकर्मी ड्रोन से भी मेला क्षेत्र की निगरानी करेंगे। मीट की दुकानें भी बंद करा दी गई हैं, साथ ही दिल्ली-ऋषिकेश नेशनल हाइवे को भी बंद करा दिया गया है। गौरतलब है कि सावन महीने में आयोजित होने वाली कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़िए हरिद्वार और ऋषिकेश से गंगाजल भरकर सैकड़ों किलोमीटर की पैदल यात्रा कर भगवान शिव का जलाभिषेक करने जाते हैं।

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