नई दिल्ली – एमपॉक्स नाम के वायरस ने एक बार फिर पूरी दुनिया की चिंता बढ़ा दी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने घोषणा की कि अफ्रीका में एम्पॉक्स का बढ़ता प्रकोप एक वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल है। साथ ही संगठन ने चेतावनी दी है कि यह वायरस अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर भी फैल सकता है। एम्पॉक्स को पहले मंकीपॉक्स के नाम से जाना जाता था। यह एक वायरल बीमारी है जो ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस से संबंधित वायरस के कारण होती है। यह बीमारी सबसे पहले 1958 में डेनमार्क में बंदरों में पाई गई थी, इसलिए इसका मूल नाम बंदरों से संबंधित है।
यह दुर्लभ ज़ूनोटिक रोग पॉक्सविरिडे परिवार से उत्पन्न होता है, जिसके वायरस चेचक, काउपॉक्स, वैक्सीनिया और अन्य जैसी अन्य बीमारियों का भी कारण बनते हैं। WHO ने कहा अफ्रीका में इस साल 14 हजार से अधिक मामले और 524 मौतें दर्ज की गई हैं, जो पिछले साल के आंकड़ों से अधिक है। 2022 में एम्पोक्स की शुरुआत के बाद से इसका प्रकोप जारी है। हाल ही में वैश्विक मामलों में वृद्धि दर्ज की गई है। पश्चिम, मध्य और अफ्रीकी देशों के साथ अमेरिका और यूरोप में भी मामले सामने आ रहे है।
रिपोर्ट के मुताबिक इस वायरस ने अब तक कुल 116 देशों को प्रभावित किया है, जिसे ‘गंभीर’ ग्रेड 3 आपातकाल बताया गया है। एमपॉक्स निकट संपर्क से फैल सकता है। यह आमतौर पर हल्का होता है और दुर्लभ मामलों में घातक होता है। इससे फ्लू जैसे लक्षण और शरीर पर दर्दनाक घाव हो जाते हैं। किसी बीमारी को ‘अंतर्राष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल के रूप में नामित करना, जो कि डब्ल्यूएचओ का उच्चतम स्तर का अलर्ट है, उस बीमारी को रोकने के लिए अनुसंधान, वित्त पोषण और अंतरराष्ट्रीय उपायों और सहयोग में तेजी ला सकता है।
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