धर्म: गोपाष्टमी का पर्व हर साल शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि वाले दिन मनाया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने ब्रजवासियों को इंद्र के प्रकोप से बचाने के लिए गोवर्धन पूजा वाले दिन गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठा लिया था। मान्यताओं के अनुसार, सात दिनों तक लगातार साल के बाद इंद्र देव ने गोपाष्टमी के दिन अपनी हार स्वीकार कर ली थी। इस साल गोपाष्टमी कब है और पूजा को शुभ मुहूर्त क्या है इस बारे में लोगों को थोड़ी कंफ्यूजन है तो चलिए आपको बताते हैं कि इस बार यह पर्व कब मनाया जाएगा।
30 अक्टूबर को है गोपाष्टमी
पंचागों के अनुसार, कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 29 अक्टूबर बुधवार के दिन सुबह 9:23 मिनट पर शुरु होगी। इसका समापन 30 अक्टूबर गुरुवार के दिन सुबह 10:06 पर होगा। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, गोपाष्टमी की पूजा 30 अक्टूबर को की जाएगी।
पूजा का शुभ मुहूर्त
इस दिन राधा श्रीकृष्ण की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 6:35 से लेकर 7:57 तक रहेगा। इस दौरान श्री राधा कृष्ण की पूजा करने से भक्ति का आनंद मिलता है। इसके अलावा शादीशुदा जिंदगी में भी प्यार बना रहता है। पार्टनर का साथ मिलेगा और सभी मनोकामनाएं पूरी होगी। इसके साथ ही भक्तों के ऊपर श्री राधा कृष्ण की असीम कृपा बनी रहेगी।
गाय और बछड़ों की होती है खास पूजा
इस दिन गाय और बछड़े की खास तौर पर पूजा की जाती है। इस दिन गायों को सजाया जाता है, उन्हें गुड़ और चारा खिलाया जाता है। इसके अलावा उनके प्रति सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त की जाती है। यह त्योहार कार्तिक शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि वाले दिन मनाया जाता है। इसका महत्व भगवान श्री कृष्ण के गौ चरण की शुरुआत से जुड़ा हुआ है।
ऐसे करें पूजा
इस दिन साफ सुथरे कपड़े पहनें और पूजा का संकल्प लें। फिर पूजा स्थान को गोबर, फूलों और रंगोली के साथ सजाएं। भगवान श्रीकृष्ण और गौमाता की मूर्ति या चित्र रखें। गाय को स्नान करवाएं और उसके सींगों पर हल्दी, कुमकुम और फूलों की माला डालें। उसे गुड़, हरा चारा, गेंहू, फल और दीपक अर्पित करें। अंत में गौ माता की आरती और परिक्रमा करें।