पठानकोट: अगर आप भी लूज फास्टिंग करते हैं तो थोड़ा अलर्ट हो जाएं क्योंकि अब लूज फास्टिंग करने वाले यूजर्स को ब्लैकलिस्ट किया जाएगा। जानबूझकर फास्टैग को गाड़ी की विंडोस्क्रीन पर न लगाने वाले हाईवे यूजर्स को लूज फास्टैग या टैग इन हैंड कहते हैं। ऐसे में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की मानें तो इसके कारण ई-टोल कलेक्शन सिस्टम में गड़बड़ी आ जाती है और इसके कारण बाकी यात्रियों को परेशानी होती है।
इसके चलते राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने घोषणा की है कि अब उन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी जिन्होंने अपने वाहन की विंडशील्ड पर फास्टैग नहीं लगवाया है। उन्हें राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के द्वारा ब्लैकलिस्ट भी किया जा सकता है। टोल प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के लिए ढीली फास्टैग प्रक्रिया को भी मजबूत किया गया है। वार्षिक पास प्रणाली और मल्टी लेन फ्री फ्लोर टोलिंग को देखते हुए टोल प्लाजा पर फास्टैग की वैधता और व्यवस्था को ठीक करने के लिए भरोसा भी किया गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने ऐसा करके इस समस्या का समाधान भी किया है। पठानकोट जालंधर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित मानसर टोल प्लाजा के प्रबंधक ने खुद इस बात की जानकारी दी है।
टोल प्लाजा के प्रबंधक ने कही ये बात
टोल प्लाजा के प्रबंधक बरजिंदर ठाकुर ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की ओर से घोषणा की गई है कि जिन लोगों ने अपने वाहनों की खिड़कियों पर फास्टैग नहीं लगाए उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। उन्हें ब्लैकलिस्ट किया जाएगा। इसके अलावा बाकी चेतावनियां भी दी गई हैं जो कि टोल प्लाजा से गुजरने वालों के लिए जरुरी हैं।
फास्टैग को लेकर NHAI ने बनाए हैं ये नियम
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने फास्टैग के अनुचित इस्तेमाल को रोकने के लिए ये नियम लागू किए हैं। ऐसे में यदि अब कोई ड्राईवर फास्टैग को गाड़ी की विंडोशील्ड पर नहीं चिपकाएगा और उसे हाथ में ऱखकर टोल प्लाजा पर दिखाता है तो उसका फास्टैग ब्लैकलिस्ट हो जाएगा। यह नियम इसलिए लाया गया है क्योंकि कुछ ड्राइवर जानबूझकर फास्टैग को विंडोस्क्रीन पर नहीं चिपकाते हैं। वे इसको हाथ से दिखाकर ही स्कैन करवा लेते हैं। इससे ज्यादा समय लग जाता है और टोल प्लाजा पर जाम भी लग जाता है। इसके कारण दूसरे यात्रियों को भी परेशानी होती है। इसके अलावा कुछ ड्राइवर एक ही फास्टैग को कई गाड़ियों के लिए इस्तेमाल करने की कोशिश भी करते हैं जिसके कारण टोल से गुजरने वाली गाड़़ियों का डेटा भी मिस मैच होता है। यह गैर कानूनी है।