बिलासपुरः देश के मशहूर मंदिर माता श्री नैना देवी में देश-विदेश से श्रद्धालु माथा टेकने आते हैं। यहां कई लोग अपने परिवार की खुशहाली की कामना करते है तथा मुरादें मांगते है। जो भी श्रद्धालु माता के दरबार में आते हैं, माता रानी उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं।
इस मौके पर पंडित ने बताया कि इस मंदिर का निर्माण 720 ई. के आसपास हुआ था। माता सती के नेत्र यहां पर गिरे थे। इसलिए इस मंदिर का नाम श्री नैना देवी पड़ा। पंडित जी ने बताया कि जो भी भक्त सच्ची श्रद्धा से माता जी के दरबार में माथा टेकने आता है, उनकी मनोकामना पूरी होती है और हर साल माता जी के दरबार में श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। नवरात्रों में लोगों का विशेष जमावड़ा लगता है और यहां जिन लोगों ने जागरण या हवन करवाना होता है तो इसके लिए मंदिर में विशेष प्रबंध किए गए हैं जिसके लिए श्रद्धालु मंदिर ट्रस्ट से संपर्क कर सकते हैं। वहीं मंदिर में आने के लिए भी कई सुविधाएं शुरू हो चुकी है। लोग अपनी आस्था प्रकट करने दरबार में आते है और शांति प्राप्त करते हैं।
इस मौके पर जब यहां माथा टेकने आए एक श्रद्धालु से बात की तो उन्होंने बताया कि उनके बेटे मनीष को पीलिया हो गया था और उसने सभी अस्पतालों में दिखाया। यहां तक कि पीजीआई वालों ने भी उनके बेटे का इलाज करने से मना कर दिया था। उनके बेटे की आंखें तक नहीं खुल पा रही थी और फिर तीसरे दिन उसकी आंखें खुली तो इस मौके पर उनके बेटे मनीष ने उनसे कहा कि माता नैना देवी जी ने आकर उसे दर्शन दिए और कहा कि डरो नहीं तुम बिल्कुल ठीक हो जाओगे और माता की कृपा उनके बेटे पर हुई और वह अब बिल्कुल ठीक हो गया है। इस परिवार ने सभी से यह भी निवेदन किया है कि अगर आप सच्ची श्रद्धा से माता के दरबार में माथा टेकने आते हैं तो माता आपकी मनोकामना अवश्य पूरी करेंगी।