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World Rabies Day 2025: रेबीज का कारण बन सकते हैं ये जानवर, जरुर बरतें सावधानी

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नई दिल्ली: हर साल 28 सितंबर को वर्ल्ड रेबीज डे मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य लोगों को रेबीज जैसी खतरनाक बीमारी के प्रति जागरुक करना और इसे रोकने के तरीके समझाना है। रेबीज एक इस तरह का वायरस है जो इंसानों और जानवरों के दिमाग और नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है। यदि इसका इलाज समय पर न करवाया जाए तो यह मौत का कारण भी बन सकता है। ज्यादातर लोगों की सोच है कि रेबीज सिर्फ कुत्तों के काटने से फैलता है परंतु कई रिसर्च और डॉक्टरों की मानें तो कुछ और जानवर भी इस बीमारी के फैलने का कारण बन सकते हैं।

इसलिए खतरनाक होता है रेबीज

यह एक वायरल बीमारी होती है जो कि लाइसावायरस के कारण होती है। यह वायरस ज्यादातर संक्रमित जानवरों की लार के जरिए ही इंसानों में फैलता है। यह वायरस सीधा नर्वस सिस्टम पर हमला करता है और दिमाग में सूजन पैदा कर देता है। इससे मरीज कोमा में भी जा सकते हैं। इसके अलावा उसकी मौत भी हो सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनियाभर में हर साल रेबीज के कारण करीबन 59,000 लोगों की मौत जो जाती है। इसके ज्यादातर मामले एशिया और अफ्रीका में होते हैं।

सही समय पर इलाज करवाना जरुरी

भारत में रेबीज के 95% मामले कुत्तों के काटने के कारण ही होते हैं परंतु यह सिर्फ कुत्तों तक सीमित नहीं है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, रेबीज एक इस तरह की बीमारी है जिसका कोई भी स्थायी तौर पर इलाज नहीं होता। यदि इसके लक्षण शुरु हो जाएं तो मरीज का बचना मुश्किल हो जाता है। ऐसे समय पर वैक्सीन लगाना और सही इलाज बहुत जरुरी माना जाता है।

इन जानवरों के कारण भी फैल सकता है रेबीज

. गाय, भैंस और बाकी खेत के जानवर यदि रेबीज से संक्रमति हो तो उनके काटने के कारण भी यह बीमारी फैल सकती है।

. चमगादड़ के काटने से भी रेबीज का खतरा काफी होता है क्योंकि उनके काटने का पता नहीं चलता। अमेरिका में चमगादड़ रेबीज का मुख्य स्त्रोत मानी जाती है।

. कुत्ते रेबीज के सबसे बड़े वाहक माने जाते हैं। खासतौर पर आवारा कुत्ते। भारत में रेबीज के 99% मामले कुत्तों के काटने से ही होते हैं।

. लोमड़ी, रैकून और सियार जैसे जंगली जानवर भी रेबीज को फैलान का मुख्य कारण माने जाते हैं।

. पालतु या आवारा बिल्लियां भी रेबीज फैला सकते हैं। यदि उनको वैक्सीन न लगी हो तो वह इस इंफेक्शन का कारण बन सकती है।

. यदि बंदर काटे या खरोच जाए तो भी रेबीज हो सकता है। खासतौर पर ऐसे इलाकों में जहां बंदर ज्यादा होते हैं वहां इसका खतरा रहता है।

 

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