सेहत: छठ पूजा भारत के सबसे पवित्र और महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक मानी जाती है। यह त्योहार सूर्य देव और छठी मां की पूजा के लिए मनाया जाता है। इस व्रत में सिर्फ श्रद्धा और भक्ति की जरुरत नहीं होती बल्कि इसको निभाने के लिए शारीरिक पॉवर और एनर्जी की भी जरुरत पड़ती है। जब महिलाएं लंबे समय तक व्रत करती हैं, पूजा करती हैं नदी या तालाब में खड़ी रहती हैं और घंटों तक प्रार्थना करती हैं तो शरीर के लिए मुश्किल हो सकती है। इसके कारण थकान, चक्कर, कमजोरी या डिहाइड्रेशन जैसी दिक्कतें हो सकती है। ऐसे में इस पावन अवसर पर सिर्फ भक्ति ही नहीं बल्कि अपनी सेहत का ध्यान रखना भी जरुरी हो जाता है।
अच्छी डाइट लें
छठ का व्रत शुरु करने से पहले हल्की और पोषक तत्वों से भरपूर डाइट लें। ऐसा खाना खाएं जो आपके शरीर को एनर्जी दे और व्रत के दौरान आपको कमजोरी न होने दे। दाल और चावल, हरी सब्जियां और मौसमी फल आप खा सकते हैं। इस बात का ध्यान रखें कि ज्यादा तला-भुना या फिर मसालेदार खाना न खाएं। इससे पाचन में दिक्कत होगी। व्रत में हल्का और आसानी से पचने वाला खाना ही खाएं।
फल और ड्राई फ्रूट्स
इस दौरान आप फल और ड्राई फ्रूट्स जरुर खाएं। इनमें नैचुरल शुगर और फाइबर पाया जाता है जो आपके शरीर को तुंरत एनर्जी देने में मदद करेगा। व्रत से पहले और बाद में इन्हें अपनी डाइट में जरुर शामिल करें। कुछ खास चीजें जैसे कि खजूर, किश्मिश और केले का सेवन आप कर सकते हैं। इनको खाने से शरीर में ताकत बनी रहेगी और थकान भी कम महसूस होगी।
मेंटल हेल्थ का भी रखें ध्यान
छठ पूजा के दौरान सिर्फ फिजिकल हेल्थ ही नहीं बल्कि मेंटल हेल्थ का भी ध्यान रखना जरुरी है। तनाव और चिंता के कारण आपकी एनर्जी खत्म हो सकती है। ऐसे में पूजा के समय योग, ध्यान या गहरी सांस लेने जैसी एक्टिविटीज करें। इससे आप मानसिक तौर पर मजबूत होंगे और फोक्सड भी रहेंगे।
पूरी नींद लें
पूजा की तैयारियों के चलते नींद नहीं पूरी हो पाती ऐसे में शरीर में थकान हो सकती है इसलिए व्रत शुरु करने से पहले पूरी नींद लेना बहुत जरुरी है। पूरी नींद से आपका शरीर तरोताजा रहेगा और मन भी शांत और फोक्सड रहेगा।
व्रत से पहले रहें हाइड्रेट
छठ पूजा के दौरान पानी नहीं पिया जाता ऐसे में व्रत से पहले शरीर में पानी की मात्रा पूरी रखें। आप पानी के साथ नारियल पानी, नींबू पानी या फलों का जूस आप पी सकते हैं। इससे आपके शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स बने रहेंगे और कमजोरी या चक्कर आने की संभावना भी कम होगी।