चंडीगढ़ः नगर निगम हाउस में आज बैठक के दौरान सेनिटेशन विंग के कर्मचारियों की वेतन को लेकर सदन में हंगामा हो गया। इस दौरान सभी पार्टियों के पार्षदों ने जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। बैठक के दौरान आम आदमी पार्टी के पार्षद दमनप्रीत सिंह ने ट्यूबल ऑपरेटरों की नियुक्ति से जुड़े भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया और कहा कि इसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हो रही है, जिसे उजागर किया जाना बेहद जरूरी है। इसके साथ ही आप पार्षद सुमन शर्मा ने शहर में गारबेज प्रोसेसिंग प्लांट की खराब हालत और अन्य नागरिक मुद्दों को लेकर मेयर से तीखे सवाल पूछे, जिस पर सदन में हंगामा शुरू हो गया।
पिछले शुक्रवार को सीनियर डिप्टी मेयर जसबीर सिंह बंटी, डिप्टी मेयर तरुणा मेहता और पार्षद प्रेम लता ने प्लांट का दौरा किया था। निरीक्षण में सामने आया कि महीनों से कपड़ों के ढेर वैसे के वैसे पड़े हैं। कपड़ों को काटने के लिए एमसी द्वारा लगाई गई ‘क्लॉथ शेरे डर’ मशीन पिछले एक साल से खराब है। साथ ही ‘प्राइमरी शेरे डर’ के साथ लगा ड्रायर और कंप्रेसर भी बंद पड़ा है। यहां तक कि ब्लेंडर को प्लांट से हटाकर बाहर रख दिया गया है। बालिस्टिक सेपरेटर की चार में से दो शॉफ्ट हटाई जा चुकी हैं, जिससे रिसाइकिल होने वाला कचरा भी इनर्ट में मिलकर सीधे लैंडफिल साइट पर जा रहा है।
कन्वेयर बेल्ट भी काटकर रखा गया है, जिससे वेस्ट सीधे जमीन पर गिर रहा है। यह प्लांट चलाने वाली कंपनी को नगर निगम हर महीने 33 लाख रुपए ‘ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस’ के लिए दे रहा है, जबकि बिजली और पानी का बिल भी निगम ही भर रहा है। वहीं प्लांट से निकलने वाले आरडीएफ (RDF) को बेचकर कमाई भी कंपनी कर रही है। नगर निगम ने सेक्टर-25 वेस्ट, सेक्टर-45, मलोया और रामपुरकलां की गोशालाओं के संचालन और मेंटेनेंस के लिए तीन एनजीओ को फाइनल किया है। आज हाउस मीटिंग में इनका एजेंडा अनुमोदन के लिए लाया जा रहा है।