चंडीगढ़ः पंजाब में राज्यसभा चुनाव के लिए आप पार्टी के 10 विधायकों के फर्जी हस्ताक्षर कर नामांकन दाखिल करने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। दरअसल, बीते दिन नामांकन दाखिल करने वाले जयपुर के नवनीत चतुर्वेदी को फर्जी हस्ताक्षर के मामले में गिरफ्तार करने के लिए रूपनगर के एसपी और डीएसपी चंडीगढ़ पहुंचे। लेकिन चंडीगढ़ पुलिस के नवनीत को सुरक्षा देने से चंडीगढ़ और रूपनगर की पुलिस में विवाद हो गया।
इस दौरान सुखना लेक के पास दोनों पुलिस टीमों के बीच जमकर बहस हुई। वीडियों में देखा जा सकता है कि सड़क पर पंजाब पुलिस और चंडीगढ़ पुलिस द्वारा जमकर हंगामा किया गया। मामला ज्यादा गर्माने के बाद चंडीगढ़ पुलिस उसे हेडक्वार्टर ले गई और हेडक्वार्टर के बाहर पुलिस तैनात कर दी गई है। ऐसे में चंडीगढ़ और पंजाब पुलिस में दिन भर ड्रामा चला है। पुलिस ने पंजाब भर में उसके खिलाफ करीबन 18 आपराधिक मामले दर्ज किए हैं।
दरअसल, 6 व 10 अक्तूबर को राज्यसभा का नामांकन भरने वाला नवनीत चतुर्वेदी, चार दिन बाद अचानक से पंजाब पुलिस के लिए मोस्ट वांटेड बन गया और चंडीगढ़ पुलिस उसके रक्षक के तौर पर काम करती दिखाई दी। सवाल यह पैदा हो रहा है कि अचानक से पंजाब पुलिस को इसकी कस्टडी की जरूरत क्यों आन खड़ी हुई है। जबकि पुलिस इसमें इंतजार कर सकती थी और इसकी जांच को विधानसभा कमेटी से भी शुरू कर सकती थी।