नई दिल्लीः अभी कोरोनो की दहशत को लोग भूले नहीं थे कि चीन में कोरोना जैसे वायरस ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) भी फैल गया है। वहीं इस खतरनाक वायरस की भारत में भी एंट्री हो गई है, जिससे लोगों में सहम का माहोल बना हुआ है। भारत में अब तक 8 केस सामने आ चुके हैं। इनमें अहमदाबाद के सोमवार को 2 महीने के बच्चे में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) का संक्रमण मिला। यह बच्चा राजस्थान का है और इलाज के लिए अहमदाबाद पहुंचा है।
इससे पहले, 6 जनवरी की सुबह कर्नाटक में 3 महीने की बच्ची और 8 महीने के बच्चे में यह वायरस मिला था। दोनों बच्चों की जांच बेंगलुरु के एक अस्पताल में की गई थी। पश्चिम बंगाल में भी पांच महीने के बच्चे में इस बीमारी के लक्षण मिले हैं। इसका एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। उधर, तमिलनाडु के चेन्नई में भी दो बच्चे संक्रमित मिले हैं। अभी इनके बारे में ज्यादा जानकारी सामने नहीं आई है। वहीं आज महाराष्ट्र के नागपुर में 2 केस सामने आए हैं। इनमें एक 13 साल की लड़की और एक 7 साल का लड़का संक्रमित मिला।
ये बच्चे कैसे एचएमपीवी वायरस के संपर्क में आए, ये अभी पता लगाया जा रहा है। भारत ने एचएमपीवी वायरस से निपटने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। राज्य सरकारें भी अपने स्तर पर तैयारियां कर रही हैं। दिल्ली सरकार ने एडवाइजरी जारी की है, तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज बैठक बुलाई है।
क्या कहना है केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा का कहना है कि एचएमपीवी वायरस से घबराने की जरूरत नहीं है। ये वायरस भारत में 2001 से है। एचएमपीवी वायरस इतना खतरनाक नहीं है जितना इसके बारे में सोशल मीडिया पर बातें हो रही हैं। HMPV कोई नया वायरस नहीं है। यह कई सालों से पूरी दुनिया में फैल रहा है। हम स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। हम ये कह सकते हैं कि चिंता का कोई कारण नहीं होना चाहिए।
इन लोगों को सबसे ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत
इस वायरस से सबसे ज्यादा खतरा 5 साल से कम उम्र के बच्चों और 65 साल से अधिक उम्र के लोगों को रहता है। साथ ही कमजोर इम्युनिटी वाले लोग, अस्थमा या दूसरे सांस की समस्या वाले लोगों को इसका अधिक खतरा होता है। इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए कुछ उपायों पर जोर दिया गया है जिसमें से हाथ धोना, मास्क पहनना और समय पर जांच कराना जरूरी बताया गया है। HMPV और कोविड-19 में कई तरह की समानताएं हैं, जैसे ये दोनों सांस से संबंधित बीमारी का कारण बनते हैं। दोनों बुजुर्गों, कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों के लिए ज्यादा खतरा पैदा करते हैं। साथ ही इन दोनों बीमारियों के कई लक्षण मिलते जुलते हैं।