कुड, हरोट,क्यारियां में सैकंडों कनाल भूमि हुई जमींदोज,रिहायशी मकानों के गिरने का खतरा
ऊना/सुशील पंडित: उपमंडल बंगाणा के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत पलाहटा के गांव कुड, हरोट, घढ़थोली और क्यारियां में इन दिनों भारी बारिश ने कहर बरपाया हुआ है। लगातार हो रही बारिश के चलते यहां कई रिहायशी मकान भूस्खलन की चपेट में आने से खतरे की जद में आ गए हैं। सैकड़ों कनाल उपजाऊ भूमि जमींदोज हो चुकी है और आधा दर्जन से अधिक परिवारों को हर पल अपने आशियाने के उजड़ने का डर सता रहा है।हालात की गंभीरता को देखते हुए कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक विवेक शर्मा स्वयं मौके पर पहुंचे। उनके साथ एसडीएम बंगाणा सोनू गोयल, तहसीलदार अमित कुमार सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी गांवों का दौरा करने पहुंचे। सभी अधिकारियों ने प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया और हालात को नियंत्रण में रखने के लिए राहत एवं बचाव कार्यों की रणनीति बनाई।विधायक ने मौके पर कहा कि इस समय सबसे पहले प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट करना प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि भूस्खलन की वजह से जिन परिवारों के मकान ध्वस्त हुए हैं, उन्हें प्रशासन द्वारा दस-दस हजार रुपये की फौरी राहत राशि प्रदान कर दी गई है। साथ ही आश्वासन दिया कि जब तक बारिश का दौर खत्म नहीं होता, तब तक बचाव कार्यों पर फोकस किया जाएगा और उसके बाद तुरंत पुनर्निर्माण कार्य शुरू करवाया जाएगा।

एसडीएम बंगाणा सोनू गोयल ने बताया कि पलाहटा पंचायत के गांव कुड, हरोट, घढ़थोली और क्यारियां में करीब आधा दर्जन रिहायशी मकान भूस्खलन की चपेट में आने से खतरे में हैं। प्रशासन ने आदेश दिए हैं कि इन परिवारों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया जाए। लेकिन परेशानी यह है कि कई परिवार अपनी पैतृक जमीन और घर छोड़ने को तैयार नहीं हैं। वे लगातार घरों में ही टिके हुए हैं, जबकि चारों ओर से जमीन खिसक रही है। प्रशासन ने ऐसे परिवारों से अपील की है कि वे खतरे की गंभीरता को समझें और अपनी जान की सुरक्षा को प्राथमिकता दें। एसडीएम ने स्पष्ट किया कि किसी भी कीमत पर जान का जोखिम नहीं उठाया जाएगा और जरूरत पड़ने पर प्रशासन सख्ती से कदम उठाकर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाएगा।
कुटलैहड़ के इन गांवों में लगातार भूस्खलन से तबाही का मंजर
उपमंडल बंगाणा में लगातार बारिश के कारण पलाहटा पंचायत के साथ अन्य में कई जगहों पर भूस्खलन से खेत, रास्ते और मकान प्रभावित हुए हैं। कुड और हरोट गांव में कई स्थानों पर भारी मात्रा में मिट्टी खिसककर नीचे आ गई है, जिससे खेतों में लगे मक्की व अन्य फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं। घढ़थोली और क्यारियां गांवों में भी कुछ मकानों के आंगन और नींव तक मिट्टी सरक गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि हर तरफ दरारें पड़ चुकी हैं और कभी भी पूरा मकान ढह सकता है। गांव के बुजुर्गों ने बताया कि ऐसी स्थिति उन्होंने पहले कभी नहीं देखी। ग्रामीणों ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि उन्हें जल्द से जल्द सुरक्षित जगह पर बसाया जाए और स्थायी पुनर्वास की व्यवस्था की जाए।