धर्मः स्त्रियों का श्रृंगार केवल सजने-संवरने का तरीका नहीं, बल्कि यह गहराई से जुड़ा हुआ एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक परंपरा है। चूड़ियां, बिंदी, सिंदूर, पायल- ये सभी चीजें सिर्फ सुंदरता के लिए नहीं होतीं, बल्कि इनमें ऊर्जा, शुभता और सकारात्मकता का संचार होता है। बिंदी को खासतौर पर बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। यह सिर्फ माथे की सजावट नहीं है, बल्कि इसका संबंध हमारे मानसिक संतुलन, ध्यान और आत्मिक जागरूकता से होता है। इसे जिस स्थान पर लगाया जाता है, वहां आज्ञा चक्र होता है, जो व्यक्ति की चेतना और निर्णय शक्ति को नियंत्रित करता है। यही वजह है कि बिंदी का रंग भी जीवन में सकारात्मक या नकारात्मक असर डाल सकता है।
ज्योतिष के अनुसार हर दिन किसी न किसी ग्रह से जुड़ा होता है और उसी अनुसार बिंदी के रंग का चयन करना चाहिए।सोमवार को सफेद या हल्के नीले रंग की बिंदी लगानी चाहिए, यह मन को शांति देती है और रिश्तों में मिठास बढ़ाती है।मंगलवार को दिन लाल रंग की बिंदी सबसे शुभ मानी जाती है। यह ऊर्जा, आत्मविश्वास और प्रेम का प्रतीक है। यह दिन मंगल ग्रह से जुड़ा होता है। बुधवार को हरे या हल्के पीले रंग की बिंदी शुभ रहती है। यह बुद्धिमानी, संवाद कौशल और व्यापारिक समझ को बढ़ाती है।
वीरवार को पीली या सुनहरी बिंदी लगाने की सलाह दी जाती है। यह बृहस्पति से संबंधित दिन होता है, जो ज्ञान, समृद्धि और पति की उन्नति के लिए शुभ होता है। शुक्रवार को गुलाबी या हल्के लाल रंग की बिंदी वैवाहिक जीवन में प्रेम और आकर्षण को बढ़ाती है। शुक्र ग्रह सौंदर्य, प्रेम और कला से जुड़ा होता है। शनिवार को गहरे नीले या काले रंग की बिंदी से बचना चाहिए, क्योंकि यह शनि ग्रह से जुड़ा होता है। हल्का हरा या ग्रे रंग बेहतर माना जाता है, जो मन को शांत रखता है और तनाव से बचाता है। रविवार को नारंगी या हल्का लाल रंग की बिंदी शुभ होती है। यह आत्मबल, ऊर्जा और आत्मविश्वास को बढ़ाने वाली मानी जाती है।