शिमलाः हिमाचल के ढली में आज निर्माणाधीन फोरलेन का डंगा देखते ही देखते गिर गया। ढली के तहत लिंडीधार में फोरलेन के लिए लगाया गया 20 से 25 फीट ऊंचा डंगा ढह गया। डंगा गिरने से यहां बने मकानों को खतरा पैदा हो गया है। वहीं स्थानीय व्यक्ति के सेब के कई पौधों को भी इससे नुकसान पहुंचा है। डंगा गिरने का आभास होते ही लोग घर छोड़ के भाग खड़े हुए। इसके चलते सैकड़ों सेब के पेड़ मलबे में दब गए और कई घरों को सीधा खतरा पैदा हो गया। गौरतलब है कि इससे पहले 30 जून को संजौली के भट्टाकुफर में माठू कॉलोनी में पांच मंजिला घर गिर गया था।
चंडीगढ़ से शिमला के ढली तक फोरलेन का काम चला है। फोरलेन के तीसरे चरण में हो रहे काम में ज्यादातर जगह ऊंचे-ऊंचे डंगे लगाए जा रहे हैं। ढली में भी काफी ऊंचा डंगा कुछ समय पहले ही लगाया गया था। फोरलेन बनने से पहले ही यह गिर गया है। इससे फोरलेन निर्माण की गुणवत्ता पर भी सवाल उठ रहे हैं। इसी बीच एनएचएआई का कार्यप्रणाली को लेकर एक बार फिर सवाल उठे हैं। इससे पहले भट्टाकुफर में भी एक पांच मंजिला मकान धराशायी हो गया था। स्थानीय लोगों के अनुसार, हादसे के बाद 5 घर सबसे ज्यादा जोखिम की जद में हैं। कई परिवारों ने स्थिति को भांपते हुए रातोंरात अपने घर खाली कर दिए। प्रभावित लोग अब रिश्तेदारों और सुरक्षित स्थानों पर शरण लिए हुए हैं।
इस घटना ने नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के काम की गुणवत्ता और लापरवाही को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि निर्माण के दौरान सुरक्षा मानकों की अनदेखी की गई, जिसका खामियाजा अब उन्हें भुगतना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन और NHAI के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए जल्द राहत और स्थायी समाधान की मांग की है। फिलहाल मौके पर प्रशासन की टीम पहुंच चुकी है और स्थिति का जायजा लिया जा रहा है। उधर, पहाड़ी क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश से स्थिति और भी खराब हो सकती है। लोग डरे हुए हैं कि अगर बारिश जारी रही तो नुकसान और बढ़ सकता है।