नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली में हवा फिर से जहरीली हो गई है। ऐसे में एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 से ऊपर पहुंच गया है, जो बहुत खराब स्तर है। दिल्ली सरकार ने आज (28 अक्टूबर 2025) क्लाउड सीडिंग का ट्रायल किया। यह तकनीक बादलों में ‘केमिकल’ डालकर कृत्रिम बारिश पैदा करती है, जो प्रदूषण को धो सकती है। दिल्ली के बुराड़ी इलाके में क्लाउड सीडिंग सफलता पूर्वक कर दी गई और अब यहां कभी भी बारिश हो सकती है। गौरतलब है कि क्लाउड सीडिंग के लिए कानपुर से प्लेन ने उड़ान भरी थी।
सेसना विमान ने आज सुबह कानपुर से उड़ान भरी थी। उत्तरी दिल्ली और बाहरी दिल्ली में क्लाउड सीडिंग की प्रक्रिया पूरी हो गई है। कुछ देर में दिल्ली के इस इलाके में लोगों को बारिश देखने को मिल सकती है। दिल्ली क्लाउड सीडिंग का परीक्षण करने वाला पहला राज्य बना है। दरअसल, राज्य सरकार क्लाउड सीडिंग के माध्यम से राजधानी में प्रदूषण का स्तर कम करना चाहती है। अगर ये परीक्षण सफल रहा तो सरकार आगे भी प्रदूषण से निपटने के लिए ऐसा कर सकती है। गौरतलब है कि दिवाली की रात से ही राजधानी दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति बेहद गंभीर हो गई है। बच्चों और बुजुर्गों को सांस लेने में तकलीफ का सामना करना पड़ रहा है।
आईआईटी दिल्ली के सूत्रों ने बताया कि वायु प्रदूषण को दूर करने के लिए क्लाउड सीडिंग की प्रक्रिया पूरी हो गई है। लेकिन बारिश शाम 5 या 6 बजे के बीच ही हो सकती है। सूत्रों ने बताया कि बादलों में नमी की मात्रा महज 15-20 प्रतिशत है. बादलो में ऐसी कम नमी की मात्रा के कारण बारिश होने की उम्मीद काफी कम या नहीं भी होती है। बताया जा रहा है कि अगर आज बारिश नहीं हुई तो कल भी क्लाउड सीडिंग की जाएगी। क्लाउड सीडिंग के लिए सेंधा नमक (रॉक सॉल्ट), साधारण नमक और सिल्वर आईडोलाइड का इस्तेमाल किया गया है।