नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इन दिनों रुस और यूक्रेन के बीच में चल रहा युद्ध सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने सबसे पहले अलास्का में रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ मीटिंग भी की। मीटिंग के बाद सोमवार को व्हाइट हाउस में पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ द्विपक्षीय वार्ता होने वाली थी और उसके बाद यूरोपीय नेताओं के साथ त्रिपक्षीय। इसी बीच ट्रंप और जेलेंस्की के बीच तीन अहम मुद्दों पर सहमति बन गई है परंतु पुतिन का मानना है कि ट्रंप के लिए यह टेढ़ी खीर होगा।
खत्म होगा यह युद्ध
अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने सोमवार को व्हाइट हाउस में हुई मीटिंग से पहले यह साफ कह दिया है कि वह रुस के हाथों यूक्रेन के जिन हिस्सों को हार गए हैं उनको भूल जाएं और नाटों में शामिल होने के विचार पर भी पूर्णविराम लगा दें। ट्रंप का कहना है कि यह युद्ध खत्म होगा। यह किसी भी हाल में खत्म होगा और हम यूक्रेन को नाटो की तरह सुरक्षा भी देंगे।
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने रुस और यूक्रेन में चल रहे युद्ध को खत्म करने के लिए तीन मुख्य शर्तें भी रखी हैं। इसमें यूक्रेन को सिक्योरिटी गारंटी देने से लेकर यूक्रेन को अपनी सेना बढ़ाने की आजादी देना और शांति बहाली के बाद देश में चुनाव करवाना शामिल है। अब इन शर्तों पर पुतिन को मनाना अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप के लिए थोड़ा चुनौतीपूर्ण होगा।
जेलेंस्की ने यह भी मांग की है कि यूक्रेन को भविष्य में रुसी आक्रमण से बचाने के लिए मजबूत सुरक्षा गारंटी मिले। इसका मतलब नाटो जैसे सैन्य गठबंधन की सदस्यता या बाकी अंतरराष्ट्रीय गारंटी होगा। यह रुस के लिए अस्वीकार्य है क्योंकि पुतिन ने बार- बार यूक्रेन के नाटों में शामिल होने का विरोध भी किया है। खुद ट्रंप भी यही चाहते हैं कि यूक्रेन नाटो को मेंबर बनाने का इरादा छोड़ दें।
इसके अलावा जेलेंस्की यह भी चाहते हैं कि यूक्रेन को अपनी सैन्य क्षमता को बढ़ाने की पूरी स्वतंत्रता होनी चाहिए ताकि वह भविष्य में अपनी रक्षा कर पाए। यह शर्त भी रुस के लिए चिंता का विषय बन चुकी है क्योंकि पुतिन यूक्रेन की सैन्य ताकत को सीमित करने की मांग कर रहे हैं।
जेलेंस्की का कहना है कि वह शांति समझौते के बाद यूक्रेन में स्वतंत्र और सुरक्षित चुनाव करवाने के लिए भी तैयार हैं परंतु इसकी सुरक्षा की गारंटी बहुत जरुरी है। उन्होंने यह साफ किया है कि यह तभी संभव हो पाएगा जब यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता बरकरार रहेगी।
ट्रंप ने रुस-यूक्रेन का युद्ध खत्म करने के लिए मध्यस्थता की कोशिश भी की है। अलास्का में पुतिन के साथ हुई उनकी मुलाकात में कोई ठोस समझौता तो नहीं हुआ परंतु ट्रंप ने जेलेंस्की को रुस के साथ डील करने की सलाह दी है। ट्रंप ने यह भी कहा है कि वह जेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं के साथ मिलकर शांति की दिशा में काम भी कर रहे हैं।
पुतिन ने रखी शर्तें
पुतिन ने इस युद्ध को खत्म करने के लिए कुछ शर्तें रखी है। इसमें यूक्रेन द्वारा डोनेट्स्क और बाकी क्षेत्रों को छोड़ना, क्रीमिया पर रुस के नियंत्रण को स्वीकार करना और यूक्रेन का नाटो में शामिल होना शामिल है। ये सभी शर्तें जेलेंस्की की शर्तों के बिल्कुल ही उल्टी हैं क्योंकि जेलेंस्की ने किसी भी क्षेत्रीय रियायत से इंकार कर दिया है।
वहीं ट्रंप और पुतिन में हुई अलास्का की मीटिंग सकारात्मक ही रही है। पुतिन ने इसको शुरुआत माना है हालांकि पुतिन ने जेलेंस्की की शर्तों पर सहमति के कोई भी संकेत नहीं दिए। इसके जगह पुतिन ने यूक्रेन ने डोनबास क्षेत्र छोड़ने की भी मांग की है जिसको जेलेंस्की ने सिरे से खारिज कर दिया है।
पुतिन और जेलेंस्की की शर्तें एक-दूसरे से काफी अलग हैं। पुतिन यूक्रेन के नाटो में शामिल होने और सैन्य विस्तार को रोकना चाहते हैं वही जेलेंस्की को सिक्योरिटी गारंटी और सैन्य स्वतंत्रता भी चाहिए। ट्रंप ने जेलेंस्की पर समझौते के लिए दबाव भी बनाया है परंतु उसकी सलाह कि रुस एक बड़ी शक्ति है और यूक्रेन नहीं। जेलेंस्की को यह बिल्कुल भी स्वीकार नहीं है कि ट्रंप की मध्यस्थता अभी तक बेनतीजा रही है। इसके अलावा यूरोपीय नेता जेलेंस्की का समर्थन कर रहे हैं और यही चाहते हैं कि यूक्रेन की सहमति के बिना कोई भी समझौता न हो। इसके अलावा ट्रंप की मध्यस्थता को यह और भी जटिल बनाती है।