यमुनानगर: हरियाणा के यमुनानगर में अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। जहां डॉक्टरों द्वारा व्यक्ति को मृत घोषित कर दिया गया था, लेकिन वह मरने के बाद दोबारा जिंदा हो गया। दरअसल, जिले के कोट माजरी में 75 साल के शेर सिंह ने उस कहावत को झूठा साबित कर दिया जिसमें कहा जाता था कि जिंदगी ना मिलेगी दोबारा। लेकिन शेर सिंह को दोबारा से जिंदगी मिली है। यह सब तब हुआ जब मृतक को शमशान ले जाने की पूरी तैयारी हो चुकी थी, अर्थी सज चुकी थी और चिता के लिए लकड़ियां शमशान में पहुंच चुकी थी कि अचानक मृतक ने अपनी आंखें खोल ली। जिसके बाद शेर सिंह को अस्पताल ले गए। 3 घंटे अस्पताल में रहने के बाद शेर सिंह ने फिर दम तोड़ दिया।
दरअसल, शेर सिंह यमुनानगर के निजी अस्पताल में दाखिल था और डॉक्टरों ने उसकी हालत को देखते हुए यह कह दिया की अंतिम क्षणों मे शेर सिंह है और इसे घर ले जाकर आप सेवा कर सकते हैं। परिजन अस्पताल से शेर सिंह को घर ले गए, लेकिन बीच रास्ते ही शेर सिंह ने दम तोड़ दिया। रास्ते में किसी डॉक्टर से चेक कराया तो उसने भी शेर सिंह को मृत घोषित कर दिया। शेर सिंह की मौत की सूचना परिजनों को तुरंत दे दी गई और समय देखते हुए शाम को ही उसके संस्कार की तैयारी कर ली गई।
घर पर अर्थी तैयार कर दी गई कफन मंगवा लिया गया। यहां तक की जिन लकड़ियों से शेर सिंह की चिता जलाई जानी थी, वह भी शमशान में भेजी गई। दूर-दूर से आए रिश्तेदारों के लिए खाना भी तैयार कर दिया गया। शेर सिंह के शव को घर पर लाकर जब उसे शमशान ले जाने की तैयारी की गई तो अचानक से शेर सिंह की आंखें खुल गई। जिसे देख सभी लोग हैरान हो गए। शेर सिंह की नब्ज भी चलनी शुरू हो गई। परिजन शेर सिंह को देखते ही तुरंत दूसरे डॉक्टर के पास ले गए। जहां डॉक्टरों ने जांच पड़ताल के बाद शेर सिंह को अस्पताल में दाखिल कर लिया।
शेर सिंह का इलाज डॉक्टर ने शुरू कर दिया और परिजन भी वहां पर उसका हाल जानने के लिए आने जाने लगे, लेकिन जब सब कुछ सही होने लगा और शेर सिंह को अस्पताल में पड़े 3 घंटे हो गए। जिसके बाद अचानक से शेर सिंह की फिर सांसे रुक गई है डॉक्टर ने जांच की तो पता चला कि शेर सिंह की मृत्यु हो चुकी है। जिसके बाद परिजन फिर से शव को घर वापिस ले गए। बता दें कि जो पहले शेर सिंह की अर्थी तैयार की थी उसे परिवार के लोगों ने तोड़ दिया था और जो खाना रिश्तेदार गम में खाना आए थे। वह खुशी-खुशी खाकर अपने घर वापस भी चले गए थे, लेकिन देर रात जब शेर सिंह की मौत की सूचना मिली तो फिर से रिश्तेदार वापस गांव कोठ में पहुंचना शुरू हो गए।