बाराबंकीः जिले में झोलाछाप डॉक्टर की पीट-पीटकर हत्या करने का मामला सामने आया है। शनिवार रात डॉक्टर क्लिनिक में सो रहे था कि रात 12 बजे 3 बदमाश आए और दरवाजा खटखटाकर डॉक्टर को जगाया। कहा कि दवा लेनी है, जैसे ही डॉक्टर ने दरवाजा खोला, बदमाशों ने उन पर हमला बोल दिया। डॉक्टर भागने की कोशिश करने लगे, लेकिन हमलावरों ने उन्हें दौड़ाकर पकड़ लिया। वहां उन्होंने डॉक्टर की बेरहमी से पिटाई की। बचाने आए एक युवक को भी पीट दिया। चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग पहुंच तो बदमाश मौके से फरार हो गए। घटना के बाद स्थानीय लोग डॉक्टर को अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
जानकारी मुताबिक, 24 साल के डॉ. सत्येंद्र विश्वकर्मा मसौली थाना क्षेत्र के डाडिया मऊ गांव के रहने वाले थे। वह घर से 2 किलोमीटर दूर मलौली गांव के पास एक साल से निजी क्लिनिक चला रहे थे। वह तीन भाइयों में सबसे बड़े थे। परिवार में तीन बहनें भी हैं, जिनमें से दो की शादी हो चुकी है। सत्येंद्र घर पर केवल खाना खाने आते थे, बाकी समय क्लिनिक पर ही रहते थे।
पुलिस के मुताबिक, शनिवार रात 12 बजे तीन बदमाश बाइक से क्लिनिक पर पहुंचे। उन्होंने दरवाजा खटखटाया। कहा- दवा लेनी है। जैसे ही डॉक्टर ने दरवाजा खोला, बदमाशों ने उन पर हमला कर दिया। सत्येंद्र किसी तरह खुद को छुड़ाकर भागे। इसके बाद बदमाशों ने उन्हें दौड़ाया। करीब 100 मीटर दूर हमलावरों ने उन्हें पकड़ लिया और लाठी-डंडों से बेरहमी से पीटा। तभी वहां रहने वाले विवेक चंद्र नाग आ गए। उन्होंने डॉक्टर को बचाने की कोशिश की तो उन्हें भी पीट दिया।
चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग दौड़कर पहुंचे। उन्हें देखकर हमलावर फरार हो गए। इसके बाद लोगों ने पुलिस को सूचना दी। थोड़ी देर में पुलिस एंबुलेंस के साथ पहुंची। डॉक्टर को अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
सत्येंद्र की मां गंगोत्री देवी ने बताया- गांव के रहने वाले संतलाल, किशोर, राजेंद्र प्रसाद और लाल बहादुर से कई महीनों से जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। कुछ दिन पहले इसी विवाद को लेकर लड़ाई भी हुई थी। उन्होंने ही बेटे की हत्या की है। पुलिस का कहना है कि घटना की जांच की जा रही है। कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है। जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा। मामले की आगामी कार्रवाई जारी है।