धर्म: हिंदू धर्म में पौष अमावस्या को बहुत ही पवित्र माना जाता है। यह दिन खासतौर पर पितरों को समर्पित होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन पितृ लोक से पितर धरती पर आते हैं और अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं। वैदिक पंचागों के अनुसार, इस साल पौष अमावस्या 19 दिसंबर को मनाई जाएगी। इस दिन कई शुभ योग भी बन रहे हैं जिससे इसका धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व और भी बढ़ जाता है। अमावस्या वाले दिन कुछ खास उपाय करने से पितरों की कृपा मिलने के साथ-साथ बल्कि जीवन में सुख-स्मृद्धि और शांति भी आती है। इस दिन पितरों को तर्पण, पिंडदान करना बहुत शुभ माना जाता है।
अमावस्या पर बनेंगे ये तीन शुभ योग
पौष अमावस्या वाले दिन ब्रह्मा मुहूर्त सुबह 5:19 से लेकर 6:14 तक रहेगा। वहीं अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11:58 से शुरु होकर 12:39 तक रहेगा। इस दिन लाभ उन्नति का शुभ मुहूर्त सुबह 8:26 से लेकर रात 9:43 तक रहेगा। वहीं अमृत सर्वोत्तम मुहूर्त 9:43 से 11:01 तक रहेगा।
पितर होंगे प्रसन्न
इस दिन सुबह पवित्र नदी में स्नान करना भी बहुत शुभ माना जाता है। यदि आप नदी में नहाने नहीं जा सकते तो घर में ही पानी में गंगाजल डालकर स्नान कर सकते हैं। स्नान के बाद पितरों को तर्पण करें। तर्पण करते समय दक्षिण दिशा की ओर मुख रखना जरुरी माना जाता है क्योंकि यह दिशा पितरों की मानी जाती है। ऐसा करने से पितर खुश होंगे और उनका आशीर्वाद आपको मिलेगा।
दीपदान करें जरुर
इस दिन दीपदान का भी खास महत्व होता है। पीपल के पेड़ के नीचे इस दिन दीया जलाना बहुत शुभ होता है। ऐसा माना जाता है कि पीपल के वृक्ष में देवताओं के साथ-साथ पितरों का भी वास होता है। दीपदान करने से पितृ दोष शांत होगा और घर में पॉजिटिव एनर्जी का संचार होगा। इसके अलावा पितरों के नाम से पूजा और प्रार्थना करने से भी शुभ फल मिलेगा।