लाइफस्टाइल: कल शाम को साल 2025 का आखिरी चांद निकलेगा। यह पूरे साल का सबसे ऊंचा चांद होगा। इसको कोल्ड सूपरमून भी कह रहे हैं क्योंकि यह धरती के सबसे पास होगा। कल का चांद आम दिनों से 10% बड़ा दिखेगा। दिसंबर की पूर्णिमा को पारंपरिक रुप से कोल्ड मून कहते हैं क्योंकि यह साल के सबसे ठंडी रातों में दिखाई देता है। इन लॉन्ग नाइट्स मून भी कहा जाता है।
इसलिए कहते हैं सूपरमून
जब चांद धरती के सबसे पास आता है। उसी दिन पूर्णिमा होती है। इसी को सूपरमून कहते हैं। इस बार चांद धरती से सिर्फ 3,57,000 किलोमीटर दूर होगा इसलिए 10% बड़ा और 30% चमकदार नजर आएगा। 2025 में यह चौथा सूपरमून होगा वहीं नवंबर के बाद यह दूसरा सबसे बड़ा चांद है।
कल का चांद होगा सबसे ऊंचा
दिसंबर का पूरा चांद पूरे साल किसी भी पूर्णिमा से ज्यादा ऊपर जाता है। 21 दिसंबर को सर्दियों की संक्राति आएगी। उस दिन सूरज पूरे साल में सबसे नीचा रहेगा। चांद हमेशा सूरज के ठीक उल्टी दिशा में होता है ऐसे में इसलिए जब सूरज सबसे नीचा होता है तो पूरा चांद सबसे ऊंचा चला जाता है। सर्दी की रातों में चांद आस-मान के सबसे ऊपरी हिस्से में चमकता है। जैसे सिर के ठीक ऊपर से गुजर रहा हो इसी कारण से इसे लॉन्ग नाइट मून भी कहते हैं क्योंकि रातें लंबी होती है चांद ज्यादा देर तक चमकता है।
चांद के है अलग-अलग नाम
अमेरिका के लोग इसको कोल्ड मून, लॉन्ग नाइट मून, फ्रॉस्ट एक्सप्लोडिंग ट्रीज मून कहते हैं। इसका पुराना अंग्रेजी नाम है मून बिफोर यूल (यानी की क्रिसमस के पहले वाला चांद) वहीं भारत में इसको मार्गशीर्ष पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है।
2026 में दिखेगा अलग सूपरमून
3 जनवरी 2026 को अगला वुल्फ मून आएगा। यह साल 2025-26 का सूपरमून सीरिज का आखिरी होगा। शाम 6-7 बजे आप इसे खुली जगह पर जाकर देख सकते हैं। यह चांद नारंगी रंग का दिखेगा।