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मान सरकार की किसान-हितैषी नीतियों से गेहूं-धान खरीद सीजन रहा सफल

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चंडीगढ़: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की किसान-हितैषी नीतियों के परिणामस्वरूप तथा कैबिनेट मंत्री लाल चंद कटारूचक्क के नेतृत्व में खाद्य, सिविल आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने वर्ष 2025-26 के दौरान गेहूं एवं चावल के खरीद सीजन की सफलता सुनिश्चित की। दोनों सीजनों में मंडियों में सभी हितधारकों जैसे किसानों, आढ़तियों, मजदूरों के लिए उचित सफाई, पानी एवं बारदाने के पुख्ता प्रबंध किए गए, जिन्होंने निर्विघ्न एवं सुचारू खरीद सीजन सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

अप्रैल-मई के दौरान गेहूं के खरीद सीजन में 72 घंटों के समय में किसानों की 130 लाख मीट्रिक टन से अधिक उपज की खरीद एवं उठान किया गया। इसके साथ ही 27000 करोड़ रुपये से अधिक राशि किसानों के खातों में जमा करवाई गई। प्रदेश में भयानक बाढ़ की मार से प्रभावित होने के बावजूद चावल का खरीद सीजन (अक्टूबर-नवंबर) भी सफल रहा। विभाग ने बाढ़ से उत्पन्न चुनौती का सामना किया तथा 156 लाख मीट्रिक टन से अधिक चावल की खरीद करके तथा किसानों के खातों में 37000 करोड़ रुपये से अधिक की अदायगी करके चावल के खरीद सीजन का सफल होना सुनिश्चित किया।

इस सीजन की विशेषता प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई ‘सुक्का झोना मंडियां विच लिआओ’ मुहिम की शानदार सफलता थी जिसमें किसानों को सूखी फसल मंडियों में लाने के लिए प्रोत्साहित किया गया था ताकि उन्हें अपनी फसल का उचित मूल्य मिल सके। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एन.एफ.एस.ए.) के अंतर्गत गेहूं का सुचारू वितरण सुनिश्चित करने तथा जन वितरण प्रणाली में पारदर्शिता एवं कुशलता लाने के लिए प्रत्येक राशन डिपो पर एक समर्पित ई.पी.ओ.एस. यंत्र एवं इलेक्ट्रॉनिक वेइंग (भार मापतौल) स्केल (ई.डब्ल्यू.एस.) लगाए गए हैं तथा प्रत्येक इलेक्ट्रॉनिक तौलने वाली मशीन को ई.पी.ओ.एस. यंत्र से जोड़ा गया है। इसके अलावा अब तक लगभग 1.31 करोड़ (86.46 प्रतिशत) लाभार्थियों ने अपनी ई.के.वाई.सी. प्रक्रिया पूरी करवा ली है। इसके अलावा विभाग के लीगल मेट्रोलॉजी विंग का मुख्य कार्य उपभोक्ताओं के सही वजन एवं माप के अधिकारों की रक्षा करना तथा लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट 2009 के अंतर्गत बने नियमों की उल्लंघना के विरुद्ध उचित कानूनी कार्रवाई करना है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के दौरान 31 अक्टूबर, 2025 तक 16.41 करोड़ रुपये का राजस्व एकत्रित हुआ है।

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