पठानकोट: सीमावर्ती जिला होने के कारण पठानकोट जिला सुरक्षा की नजर से बहुत ही जरुरी है। ऐसे में यहां पर लोगों की सुरक्षा के लिए पुलिस प्रशासन के द्वारा पुख्ता इंतजाम किए गए हैं और पूरे जिले में पुलिस चौंकियां भी बनाई गई हैं। वहीं बाहरी राज्यों से आने वाले हर वाहन की सावधानीपूर्वक जांच हो रही है लेकिन यदि आंतरिक सुरक्षा की बात करें तो इसको लेकर अभी शंकाएं जताई जा रही हैं। ऐसे में आपको बता दें कि इन दिनों पठानकोट में प्रवासियों की संख्या में भारी वृद्धि भी हुई है। जिले में अपना खुद का व्यवसाय सभी खोल रहे हैं और इन व्यवसायों में रेहड़ी-पटरी वालों का होना आम बात हो चुकी है। यदि स्थानीय रेहड़ी पटरी वालों की बात करें तो निगम को बकायदा शुल्क देते हैं लेकिन पठानकोट में इन दिनों जो प्रवासी देखे जा रहे हैं वो अपनी मर्जी से कहीं भी रेहड़ी लगाकर समान बेच रहे हैं।
लोगों को हो रही परेशानी
स्थानीय रेहड़ी पटरी वालों को परेशानी क्यों हो रही है। इस बारे में जब स्थानीय स्तर पर काम कर रहे रेहड़ी पटरी वालों के साथ बात की गई तो उन्होंने बताया कि करीबन दो महीने पहले एसएसपी पठानकोट ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद वे अपने इलाके में लौट गए थे लेकिन अब वे बड़ी संख्या में वापिस आ गए हैं। इससे उन्हें काफी परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा कि यदि वे नगर परिषद के द्वारा बताई गई जगह पर ही अपने ठेले खड़े कर रहे हैं लेकिन ये प्रवासी कहीं भी अपने ठेले खड़े कर देते हैं जिससे लोग बाहर से सामान ले जाते हैं और कोई भी मंडी के अंदर नहीं आता और इस वजह से उनकी आय को बड़ा नुकसान हो रहा है। इस मौके पर उन्होंने कहा कि कहा कि एक तो ये लोग कोई भी शुल्क नहीं लेते और दूसरा ये लोग कहां से आए हैं इसकी किसी को भी कोई जानकारी नहीं है। इस अवसर पर उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि इन लोगों की पहचान सुनिश्चित की जाए क्योंकि सीमावर्ती जिला होने के कारण जिले में अक्सर अलर्ट रहता है और ऐसे में यदि इनमें से कोई अप्रिय घटना को अंजाम देकर जिले से बाहर चला जाता है तो इसका जिम्मेदार आखिर कौन होगा?
उन्होंने कहा कि जब हमने इस संबंध में प्रवासियों के साथ बात की तो उन्होंने माना कि वे बाहरी राज्य से क्यों आए हैं और उनके द्वारा कोई सत्यापन प्रक्रिया नहीं हुई है और वे आर्मी गेट के बाहर अपना काम कर रहे हैं।