हिमाचलः शिमला के बहुचर्चित युग हत्याकांड को लेकर हिमाचल हाईकोर्ट अपना फैसला सुना दिया है। हत्याकांड मामले में हाईकोर्ट ने 2 दोषियों की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है। फैसले के बाद दोषी चंद्र शर्मा और विक्रांत बख्शी पूरी उम्र तक जेल में रहेंगे, जबकि तेजिंदर पाल को अदालत ने बरी कर दिया है। मामले में विस्तृत आदेशों के लिए हाईकोर्ट के ऑर्डर का इंतजार है। युग के पिता विनोद गुप्ता ने कहा कि उन्हें इंसान नहीं मिला। वह कोर्ट के फैसले से संतुष्ट नहीं है। उन्होंने कहा- हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। वहीं, न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर व न्यायाधीश राकेश कैंथला की विशेष खंडपीठ ने पिछली सुनवाई के बाद अपना फैसला रिजर्व रख दिया था।
सत्र न्यायाधीश शिमला की अदालत ने 6 सितंबर 2018 को इन तीनों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई थी। न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की अदालत ने इस अपराध को दुर्लभ से दुर्लभतम श्रेणी के दायरे में बताया था। इसके बाद, तीनों आरोपियों ने दोष सिद्धि के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर कर रखी थी। इसमें अपीलकर्ताओं की ओर से पेश एडवोकेट ने दोषियों के व्यवहार, उम्र और परिवार की स्थिति को देखते हुए अदालत से मृत्यु दंड न दिए जाने की मांग की थी।
यह था मामलाः 14 जून, 2014 को शिमला के राम बाजार से तीन लोगों ने फिरौती के लिए 4 साल के युग का अपहरण किया। अपहरण के 2 साल बाद अगस्त 2016 में भराड़ी के पेयजल टैंक से युग का कंकाल बरामद हुआ। आरोपियों ने मासूम के शरीर में पत्थर बांध कर उसे जिंदा पानी से भरे टैंक में फेंक दिया था। मासूम युग को उसके ही पड़ोस में रहने वाले एक व्यक्ति ने किडनैप किया। इसमें तीन लोग शामिल थे। तीनों ने युग के पिता से साढ़े तीन करोड़ रुपए की फिरौती मांगी।