धर्म: दीवाली के पांच दिन खत्म होने के बाद अब लोगों ने छठ पूजा की तैयारियां शुरु कर दी हैं। छठ पूजा की शुरुआत वैसे तो दीवाली के छठे दिन हो जाती है परंतु इस साल छठ पूजा दीवाली के छठे नहीं बल्कि सातवें दिन मनाई जाएगी। छठ पूजा हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक मानी जाती है। यह त्योहार खासतौर पर झारखंड और बिहार में धूमधाम के साथ मनाया जाता है। चार दिन तक चलने वाले छठ पर्व को महापर्व कहते हैं।
पंचागों के अनुसार, छठ का त्योहार कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि से शुरु हो जाता है। ऐसा कहा जाता है कि छठ की शुरुआत दीवाली के छठे दिन होती है परंतु इस साल छठ की शुरुआत दीवाली के छठे नहीं बल्कि सातवें दिन से होगी।
इसलिए बढ़ा एक दिन
दीवाली, गोवर्धन पूजा, भाई दूज और छठ पूजा की तिथि आगे पीछे होने का कारण कुछ नहीं बल्कि अमावस्या तिथि का संचरण है। अमावस्या तिथि आगे होने के कारण त्योहारों का तालमेल ही बिगड़ गया है। वैसे तो दीवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा मनाई जाती है लेकिन इस साल दीवाली के अगले दिन भी कुछ समय तक अमावस्या की तिथि थी। ऐसे में गोवर्धन पूजा 21 नहीं बल्कि 22 अक्टूबर को मनाई गई। इसी कारण आगे भी सभी त्योहारों का एक-एक दिन बढ़ गया। छठ पूजा वैसे तो चार दिनों का त्योहार है। इसकी शुरुआत नहाय-खाय से होती है परंतु षष्ठी तिथि सबसे ज्यादा जरुरी होती है। इसी दिन डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इस साल षष्ठी तिथि 27 अक्टूबर को पड़ रही है।
इस दिन पड़ेगी नहाय-खाय की तिथि
कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि शनिवार 25 अक्टूबर को नहाय खाय के साथ छठ पर्व की शुरुआत होगी। 26 अक्टूबर को खरना होगा। यह छठ पर्व को दूसरा दिन होगा। षष्ठी तिथि को सूर्य षष्ठी भी कहा जाता है। इस दिन डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। 27 अक्टूबर को शाम में अर्घ्य दिया जाएगा। 28 अक्टूबर को शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि वाले दिन व्रत रखने वाली महिलाएं उगते सूर्य को जल देकर पारण करेगी। इसी के साथ ही चार दिन का छठ महापर्व समाप्त हो जाएगा।