प्रदेश की जॉब ट्रेनी पालिसी पर भड़के वीरेंद्र कंवर, बोले – नौकरी के नाम पर कर्मचारियों के भविष्य से खिलवाड़ कर रही ‘ट्रेनी सरकार’
ऊना/सुशील पंडित: हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार की *ट्रेनी जॉब नीति* पर सियासी पारा चढ़ गया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता, प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व कैबिनेट मंत्री वीरेंद्र कंवर ने प्रदेश सरकार को घेरा है। उन्होंने तीखा तंज कसते हुए कहा, “*प्रदेश में चल रही कर्मचारियों और बेरोजगारों को ठगने वाली “ट्रेनी सरकार”।*
कंवर ने प्रेस बयान में कहा कि कांग्रेस सरकार व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर युवाओं और कर्मचारियों को ठगने का अभियान चला रही है। नई ट्रेनी पॉलिसी को लेकर उन्होंने सरकार पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि सरकारी नौकरी पाने के बाद भी युवाओं को दोहरी परीक्षा की अग्निपरीक्षा से गुजरना पड़ेगा।
उन्होंने खुलासा किया कि अभी हाल ही में अनुबंध पर लगे कर्मचारी भी अब ट्रेनी जॉब स्कीम में फंसे नजर आ रहे हैं। पहले एक परीक्षा देकर नौकरी में आए और अब दो साल के बाद फिर से परीक्षा देनी होगी। अगर दूसरी परीक्षा पास नहीं की, तो कर्मचारी ट्रेनी की सीढ़ी से ऊपर नहीं चढ़ पाएंगे, जिससे न सिर्फ वेतनमान प्रभावित होगा, बल्कि पदोन्नति के रास्ते भी बंद हो जाएंगे।
वीरेंद्र कंवर ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि ओपीएस का सपना दिखाकर सत्ता में आई कांग्रेस सरकार अब कर्मचारियों की उम्मीदों को रौंद रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कर्मचारियों की बहुत सी देनदारियों को पूरा करने में यह सरकार असफल रही है और अपनी आर्थिक अव्यवस्था को छुपाने व इससे ध्यान भटकाने के लिए इस प्रकार के हथकंडे अपना रही है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार का यह फैसला युवाओं में असंतोष और आक्रोश को जन्म दे रहा है, जो कभी भी बड़ा आंदोलन बन सकता है।
कंवर ने कहा- “कर्मचारी इस प्रदेश की रीढ़ हैं, और कांग्रेस सरकार उन्हें कमजोर करने की साजिश रच रही है। यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।” उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से अपील की कि वह इस नीति पर पुनर्विचार करें और कर्मचारियों के हितों से खिलवाड़ न करें।