ऊना/सुशील पंडित: उत्तर भारत के प्रसिद्ध डेरा बाबा रुद्रानंद, नारी, ऊना के अधिष्ठाता परम पूज्य श्री श्री 1008 वेदान्ताचार्य स्वामी सुग्रीवानंद जी महाराज के ब्रह्मलीन होने से संपूर्ण ऊना जिला समेत पूरे प्रदेश में शोक की लहर है। वे 98 वर्ष के थे और पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे। रविवार को पीजीआई में उनका देहावसान हो गया।
दोपहर बाद उनकी पार्थिव देह डेरे में श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ रखी गई, जहां विधायक सुदर्शन बबलू, विवेक शर्मा, राकेश कलिया, एससी आयोग के अध्यक्ष कुलदीप धीमान, जिला प्रशासन की ओर से उपायुक्त जतिन लाल, पुलिस अधीक्षक राकेश सिंह समेत विभिन्न प्रशासनिक अधिकारी, समाज के विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की।

मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने व्यक्त किया शोक
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने अपने शोक संदेश में लिखा, “ऊना जिले के डेरा बाबा रुद्रानंद जी के प्रमुख गुरु, श्री श्री 1008 सुग्रीवानंद जी महाराज के ब्रह्मलीन होने का समाचार अत्यंत दु:खद है। महाराज जी ने जीवनपर्यंत धर्म, सेवा और सद्भाव के प्रकाश को फैलाने का कार्य किया। उन्होंने समाज को आपसी भाईचारे और सौहार्द की मजबूत डोर में बांधने का संदेश दिया। O60ईश्वर से प्रार्थना है कि पूज्य गुरुजी को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और उनके अनुयायियों को इस कठिन समय में संबल एवं धैर्य प्रदान करें। मेरी संवेदनाएं शोक-संतप्त अनुयायियों के साथ हैं।”
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर शोक व्यक्त करते हुए लिखा,”उत्तर भारत के प्रसिद्ध डेरा बाबा रुद्रानंद जी आश्रम के अधिष्ठाता, चारों वेदों के ज्ञाता परम पूज्य श्री श्री 1008 वेदान्ताचार्य स्वामी सुग्रीवानंद जी महाराज का देहावासन अध्यात्मिक जगत के साथ सम्पूर्ण विश्व के लिए अपूरणीय क्षति है।
महाराज जी ने जीवन भर सनातन धर्म, वेदांत और मानव सेवा में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनका आशीर्वाद और शिक्षाएं लाखों श्रद्धालुओं के जीवन का मार्गदर्शन करती रहेंगी।ईश्वर महान पुण्यात्मा को श्रीचरणों में स्थान दें व सभी भक्तों और अनुयायियों को महाराज जी का वियोग सहने की शक्ति प्रदान करें। ॐ शांति !”

कल दर्शनों के उपरांत अंतिम संस्कार
डेरे के सचिव प्रवीण शर्मा ने बताया कि परम पूज्य स्वामी सुग्रीवानंद जी महाराज की पार्थिव देह अंतिम दर्शन के लिए सोमवार, सुबह 11 बजे तक आश्रम में लक्ष्मी नारायण सभागार में रखी जाएगी, जहां सभी श्रद्धालु उनके पावन दर्शन कर सकते हैं। इसके पश्चात महाराज जी के प्रधान शिष्य एवं उत्तराधिकारी आचार्य हेमानंद जी द्वारा दोपहर 12 बजे महाराज जी की पार्थिव देह को पंचतत्व में विलीन करने की विधियां प्रारंभ की जाएंगी।