नई दिल्ली: भारत में मिसाइल मैन के नाम से पहचाने जाने वाले और देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दूल कलाम की आज पुण्यतिथि है। उनका निधन 27 जुलाई 2015 को मेघालय में हुआ था। जब वो भारती प्रबंधन संस्थान में छात्रों को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान व्याख्यान देते समय उन्हें दिल का दौरा पड़ गया और उनका निधन हो गया। आज उनकी पुण्यतिथि के मौके पर आपको उनका बचपन का एक ऐसा सपना बताते हैं जिसके बारे में शायद बहुत से कम लोग जानते हैं।
पायलट बनना चाहते थे पूर्व राष्ट्रपति
डॉ. कलाम का बचपन से ही यह सपना था कि वो एक पायलट बनें और आसमान की बुलंदियों को छू लें परंतु उनका यह सपना अधूरा ही रह गया। अपने इस ख्वाब को पूरा करने के लिए उन्होंने देहरादून में वायुसेना की प्रवेश परीक्षा भी दी थी। परीक्षा तो उन्होंने अच्छे अंकों से पास कर ली लेकिन 25 उम्मीदवारों में से सिर्फ 8 को ही चुना जाना था और कलाम साहब का 9वां स्थान था। ऐसे में उनका सेलेक्शन ही नहीं हुआ। इस नाकामी ने उन्हें बहुत ही मायूस कर दिया था। उन्होंने अपनी किताब My Journey: Transforming Dreams into Actions में इसका जिक्र भी किया है। अपनी मायूसी के बाद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और वो देहरादून से ऋषिकेश गए और स्वामी शिवानंद से मिले। उन्होंने उन्हें यह समझने में मदद की कि नियति ने उनके लिए कुछ और ही तय कर रखा है। स्वामी शिवानंद ने उन्हें बताया कि तुमने अनपी नियति को स्वीकार नहीं किया है इसलिए तुम इतने दुखी हो। अपने वर्तमान को स्वीकार करो और बिना किसी डर के अपने जीवन को जियो। जब तुम अपनी नियति को स्वीकार करते हो तो तुम एक नई ताकत पाते हो।
फिर शुरु हुई मिसाइल मैन बनने की यात्रा
इस मुलाकात के बाद अब्दुल कलाम को एक नई दिशा मिली। उन्हें समझ आ गया कि भले ही वे फाइटर पायलट नहीं बन पाए पर विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में वे देश के लिए बहुत कुछ कर सकते हैं। बस यही से उनके मिसाइल मैन बनने की यात्रा शुरु हो गई। वे भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में शामिल हुए। बाद में भारत के मिसाइल कार्यक्रमों और परमाणु परीक्षणों में भी अहम भूमिका निभाई।
2002 से 2007 तक रहे भारत के राष्ट्रपति
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम साल 2002 से 2007 तक भारत के 11वें राष्ट्रपति रहे हैं। वो देश के उन गिने-चुने राष्ट्रपतियों में से एक रहे हैं जिन्हें राजनीतिक दलों और आम जनता दोनों का ही पूरा सम्मान मिला। उनका जीवन सादगीपूर्ण था और उन्होंने कभी किसी राजनीतिक मतभेज को अपने व्यवहार में नहीं आने दिया। बतौर वैज्ञानिक उन्होंने भारत के रक्षा अनुसंधान और मिसाइल कार्यक्रम को नई ऊंचाईयों पर पहुंचाया।
युवाओं के लिए बने प्रेरणा
पीएम नरेंद्र मोदी ने डॉ. कलाम की सोच को युवाओं के लिए मार्गदर्शक बताया। उन्होंने कहा कि डॉ. कलाम के विचार और जीवन दर्शन देश के युवाओं को अच्छा नागरिक बनने और राष्ट्र निर्माण में भागीदारी निभाने के लिए लगातार प्रेरित करता रहेगा। मोदी ने यह भी कहा है कि कलाम का सपना था कि भारत 2020 तक एक विकसित राष्ट्र बन जाए और उसी दिशा में आगे बढ़ने का हमारा कर्तव्य है।
पीएम मोदी ने अर्पित की श्रद्धांजलि
भारत के पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइल मैन के नाम से मशहूर है। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि पर पीएम मोदी ने रविवार को श्रद्धांजलि अर्पित की। पीएम ने कहा कि – डॉ. कलाम को एक प्रेरणादायक विचारक, महान वैज्ञानिक, मार्गदर्शक और सच्चे देशभक्त के तौर पर याद किया। उन्होंने कहा कि डॉ. कलाम के विचार आज भी देश के युवाओं को प्रेरित करते हैं और उन्हें मजबूत और विकसित भारत के निर्माण में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
On his death anniversary, paying homage to our beloved former President, Dr. APJ Abdul Kalam. He is remembered as an inspiring visionary, outstanding scientist, mentor and a great patriot. His dedication to our nation was exemplary. His thoughts motivate the youth of India to…
— Narendra Modi (@narendramodi) July 27, 2025
एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए पीएम ने कहा कि – हमारे प्रिय पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि। उन्हें एक प्रेरणादायक दूरदर्शी, उत्कृष्ट वैज्ञानिक, मार्गदर्शक और महान देशभक्त के रुप में याद किया जाता है। राष्ट्र के प्रति उनकी निष्ठा अनुकरणीय थी।