नई दिल्लीः यूरोपीय संघ और ब्रिटेन ने रूस के खिलाफ नए प्रतिबंध लगा दिए हैं। इस दौरान रूस के खिलाफ प्रतिबंधों की घोषणा की गई। इसका मकसद रूस के 200 जहाजों के उस बेड़े को निशाना बनाना है, जो पश्चिम की ओर से लगाए प्रतिबंधों से बचकर अवैध रूप से तेल और गैस का परिवहन कर रहा है। यह प्रतिबंध यूक्रेन युद्ध को लेकर लगाए गए थे। ईयू ने कुल 189 जहाजों को निशाना बनाया और कई रूसी अधिकारियों व कंपनियों पर संपत्ति जब्त करने और यात्रा प्रतिबंध लगाने का फैसला किया।
इन सभी उपायों का ब्रसेल्स में ईयू के विदेश मंत्रियों ने समर्थन किया। ईयू 27 देशों का समूह है। ईयू की विदेश नीति प्रमुख काजा कल्ला ने कहा, (रूस के) राष्ट्रपति पुतिन शांति की बात का दिखावा कर रहे हैं, इसलिए नए प्रतिबंध तैयार किए जा रहे हैं। रूस और उसके मददगारों को इसके गंभीर नतीजे भुगतने होंगे। रूस अपने इन जहाजों का उपयोग केवल तेल और गैस नहीं, बल्कि यूक्रेन से लूटे गए अनाज को ढोने में भी करता है। अब तक ईयू कुल करीब 350 ऐसे जहाजों को निशाना बना चुका है।
लंदन और ब्रुसेल्स का कहना है कि नए प्रतिबंधों के जरिए मास्को के तेल टैंकरों और वित्तीय कंपनियों के “छाया बेड़े” को लक्षित किया गया है। जिनकी वजह से रूस युद्ध के दौरान लगाए गए अन्य प्रतिबंधों के प्रभाव से बचता रहा है। यूरोपीय संघ ने अमेरिका के इसमें शामिल होने का इंतजार किए बिना ही नए प्रतिबंधों का ऐलान कर दिया। एक दिन पहले ही राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन संग फोन पर बातचीत की थी। लेकिन पुतिन ने यूक्रेन में युद्ध विराम पर सहमति नहीं जताई। जिसके बाद रूस पर प्रतिबंधों के जरिए दबाव बनाने की कोशिश की जा रहा है। वहीं यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों का स्वागत करते हुए कहा कि यह कदम सही दिशा में उठाया गया है। उन्होंने कहा कि प्रतिबंध जरूरी है।
इसके साथ ही जेलेंस्की ने उन सभी लोगों का आभार जताया जिन्होंने ये कदम उठाया है। बता दें कि अमेरिका की तरफ से तत्काल कदम उठाए जाने का ऐलान किए बिना ही रूस के खिलाफ प्रतिबंधों का ऐलान कर दिया गया। जबकि कई यूरोपीय देशों के नेताओं ने ट्रंप प्रशासन से इसमें शामिल होने के लिए सार्वजनिक पैरवी की थी। जर्मन विदेश मंत्री जोहान वेडफुल ने ब्रुसेल्स में अपने यूरोपीय संघ के समकक्षों संग बैठक के दौरान कहा कि बार-बार वे इस बात को स्पष्ट तौर पर कह चुके हैं कि रूस बिना किसी पूर्व शर्त के तत्काल युद्ध विराम करे। रूस इसके लिए तैयार नहीं है इसीलिए प्रतिक्रिया जरूरी है। साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि अमेरिकी भी इसे बर्दाश्त नहीं करेगा।
बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फोन पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से करीब 2 घंटे तक बातचीत की। लेकिन इसके बाद भी सीज फायर पर सहमति नहीं बन सकी। जबकि यूक्रेन इसके लिए तैयार है। लेकिन रूस सहमत नहीं है। रूस का कहना है कि वह पहले बातचीत चाहता है। यूरोप का कहना है कि ये इस बात का सबूत है कि पुतिन, युद्ध खत्म करने के लिए तैयार नहीं हैं। यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि उन्होंने ज़ेलेंस्की से बात की है। नए प्रतिबंधों का एक और पैकेज तैयार किया जा रहा है।