न एन.एच.ए.आई जल निकासी कर सका तो आईपीएच नहीं संभाल सका सीवरेज
बीबीएन/ सचिन बैंसल : एशिया के सबसे बडे औद्योगिक हब को नर्क बनाने में केंद्र और राज्य सरकार दोनो ने कोई कसर नहीं छोडी है। आज बददी बस स्टैंड को पार करना एक मिशन से कम नहीं है। नीलम होटल से लेकर संडोली तक के सफर में कब गाडी बैठ जाए कुछ कहा नहीं जा सकता। केंद्र सरकार के विभाग नेशनल हाईव आथोरिटी आफ इंडिया जो कि फोरलेन का निर्माण कर रहा है ने बरसाती जल निकासी का कोई प्रावधान नहीं किया और एनएच एरिया दलदल बन गया। जब उन्होने थोडी बहुत कोशिश की कि वर्तमान हाईवे को थोडा सा दुरुस्त कर दें तो नगर परिषद का सीवरेज फूट गया और उसका पानी हाईवे पर आ गया। दोनो सरकार में तालमेल न होने व जल निकासी की जिम्मेदारी न लेने से एशिया का सबसे बडा फार्मा हब नर्क बनकर रह गया है। बददी से नालागढ़, मनाली व ऊना के लिए निकलना एक बहुत बडा मिशन बन गया है।
कल एक ट्रक एनएच पर फंस गया तो पूरा शहर जाम होकर रह गया। जिला, उपमंडल प्रशासन भी इस दिशा में सभी विभागों व पटेल एंड कंपनी से तालमेल बनाकर कोई हल करने में नाकाम रहा है। रोज रोज बरसात से सडकें तालाब बन जाती है और अगर वह पानी निकल भी जाता है तो नगर परिषद बददी शहर का सीवरेज का लावा उसमें फूट जाता है। जब नगर परिषद से पूछा जाता है तो वो बोलते हैं कि यह सीवरेज जल शक्ति (आईपीएच) विभाग का है हम कुछ नहीं कर सकते। इसी चक्कर मे लोग बोलने लगे हैं कि हर हर मोदी घर घर मोदी का नारा देने वाले केंद्र सरकार के विरुद्व जुबां नहीं खोलते न जनता के मुददे उठाते हैं वहीं जब नगर परिषद की सीवरेज का पानी एनएच पर तालाब बनकर सडकों पर बहता है तो व्यवस्था परिवर्तन का दम भरने वाले जुबां सिल लेते हैं। यान कि केंद्र के मुददें पर भाजपाई खामोश और प्रदेश के मुददों पर कांग्रेसी चुप।
टैफिक चलाना हुआ मुश्किल-डा. रणेश राणा
स्थानीय निवासी मानवाधिकार एसोसिएशन के प्रदेश महासचिव डा. रणेश राणा, लघु उद्योग संघ के के चेयरमैन विचित्र सिंह पटियाल, एडवोकेट दिनेश चंदेल, समाजसेवी सतीश जैन, पंकज ठाकुर, कमल वेद भारद्वाज, चंदन सिंह व विवेक इंदीवर ने कहा कि निर्माणाधीन एनएच-बददी पर वाहन चलाना मुश्किल हो रहा है। लोगों की गाडियों के चैंबर टूट रहे हैं।
हमने अपनी नाली ठीक कर दी-नगर परिषद
इस विषय में नगर परिषद ई.ओ. ललित कुमार ने कहा कि नालियां बंद होने से जो दिक्कतें आ रही थी उसको हमने टीम भेजकर दुरुस्त करवा दिया। दारु के ठेेके के पास नाली बंद थी उसको खुलवा दिया गया है। जहां तक सीवरेज की बात है वो आईपीएच विभाग का काम है।
सीवरेज कई बार खुलवाई फिर हो जाती है बंद- एसीडीओ
इस विषय मेें एसडीओ आईपीएच चमन लाल ने कहा कि बददी में सीवरेज बहुत छोटी है जो बार बार बंद हो जाती है। हम हर बार उसको खुलवाते हैं लेकिन वो फिर से बंद हो जाती है। उन्होने कहा कि बंद हुए तीनों चैंबरों को फिर से खुलवाने का प्रयास किया जाएगा।