अमृतसर: शहर के ख्वाली गांव में तीन महीने पहले हुई गोलीबारी की घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। 21 अगस्त 2025 को हुई इस घटना में 21 साल के मनरुप सिंह को गोली लगी थी परंतु अब वह चलने-फिरने में असमर्थ है।
परिवार वालों ने यह आरोप लगाया है कि स्थानीय पुलिस हमलावरों के साथ मिली हुई थी इसलिए उन्होंने कई हफ्तों तक सीसीटीवी फुटेज भी छुपा कर रखी जिसके कारण उन्हें न्याय मिलने में देरी हुई। पीड़ित के पिता शमशेर सिंह ने मीडिया को बताया कि उनका बेटा मनरुप घर से बाहर निकल रहा था।
तभी 5-7 हमलावरों ने अचानक से गोलीबारी शुरु कर दी। गोली मनरुप के पैर के निचले हिस्से में लगी जिसके बाद से उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। परिवार वालों का कहना है कि लंबे समय से वह अस्पताल में अपने बेटे का इलाज करवा रहे हैं परंतु अब उसे जीवन भर विकलांगता से जूझ रहा है।
पिता शमशेर सिंह ने आरोप लगाया है कि पुलिस न सिर्फ हमलावरों को ही बचाने की कोशिश नहीं की बल्कि सबूत भी मिटाए हैं। घटना के एक हफ्ते के बाद पीड़ितों के खिलाफ क्रॉस केस भी दर्ज किया गया था। उनका यह कहना है कि हमलावर अभी भी घूम रहे हैं और पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही।
परिवार पर उन्होंने राजीनामा करने का भी दबाव डाला है। इस मामले में डीएसपी नीरज कुमार ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि 21-08-25 को पदो पक्षों के बीच हुए झगड़े के मामले में थाना लोपोके में मुकदमा संख्या 197 के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया था।
इसमें मनरुप सिंह नाम का युवक गंभीर रुप से घायल हो गया था। कुलबीर सिंह के बयान के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है। 26 अगस्त को भी एक क्रॉस केस दर्ज किया गया था क्योंकि दोनों पक्ष एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं।
डीएसपी ने कहा कि दोनों ही पक्ष गिरफ्तारी से बच रहे हैं परंतु इस मामले में जल्द ही आगे की कार्रवाई की जाएगी और दोषियों को गिरफ्तार किया जाएगा। अब इस मामले में सीसीटीवी सामने आने से कई खुलासे हो सकते हैं। वहीं परिवार वालों का कहना है कि उन्हें न्याय दिलवाया जाए।