अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट में एक चौंकाने वाला दावा हुआ है। इस रिपोर्ट के अनुसार, क्रैश होने वाले एयर इंडिया विमान के एक पायलट ने प्लेन का फ्यूल बंद कर दिया दिया था। रिपोर्ट के पीछे दोनों पायलटों की आखिरी बातचीत के लिए कॉकपिट रिकॉर्डिंग का हवाला दिया गया है लेकिन भारत के नागरिक उड्यन मंत्री राम मोहन नायडू ने रिपोर्ट को सिर्फ शुरुआती निष्कर्षों पर आधारित बताते हुए कहा है कि अभी फाइनल निष्कर्ष पर नहीं जाना चाहिए। इसके साथ ही इस रिपोर्ट पर पायलट एसोसिएशन में भी नाराजगी है।
वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में यह कहा गया है कि बोइंग 787 ड्रीमलाइनर उड़ा रहे फर्स्ट ऑफिसर ने ज्यादा अनुभवी कैप्टन से पूछा है कि उन्होंने रनवे से उड़ान भरने के तुरंत बाद स्विच को कटऑफ स्थिति में क्यों कर दिया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, इसके बाद फर्स्ट ऑफिसर ने घबराहट भी जताई है वहीं कैप्टन शांत रहे। प्लेन क्रैश में कैप्टन सुमीत सभरवाल और फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर की जान चली गई जिन्हें कुल 15,638 घंटे और 3,403 घंटे उड़ान का अनुभव था। वॉल स्ट्रीट जर्नल ने विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एआईआईबी) की एक शुरुआती रिपोर्ट का हवाला दिया है जिसमें बताया गया है कि दोनों इंजनों के फ्यूल कटऑफ स्विच उड़ान भरने के कुछ ही क्षण के बाद एक के बाक एक कटऑफ स्थिति में पहुंच गया था। रिपोर्ट के अनुसार, उड़ान भरने और दुर्घटना के बीच का समय सिर्फ 32 सैकेंड था।
वॉल स्ट्रीट जर्नल ने मामले के जानकार, अमेरिकी पायलट और जांच पर नजर रख रहे सुरक्षा एक्सपर्ट्स के हवाले से कहा है कि शुरुआती रिपोर्ट में दिए गए विवरणों से यह साफ पता चलता है कि कैप्टन ने ही स्विच बंद कर दिए थे। आगे कहा गया है कि – रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया है कि स्विच बंद करना गलती से हुआ था या फिर जानबूझकर ।
नागरिक उड्डयन मंत्री ने कहा फाइनल निष्कर्ष पर नहीं पहुंचना
नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राम मोडन नायडू ने पिछले हफ्ते कहा था कि रिपोर्ट सिर्फ शुरुआती निष्कर्षों पर ही आधारित है। अंतिम रिपोर्ट जारी होने तक किसी भी फाइनल निष्कर्ष पर नहीं पहुंचना चाहिए।
फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स ने जताया विरोध
फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स के अध्यक्ष सीएस रंधावा ने गुरुवार को वॉल स्ट्रीट जर्नल की निराधार रिपोर्ट की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने इस पर कार्रवाई की भी बात कही है। रंधावा ने जोर देकर कहा है कि एआईआईबी की शुरुआती रिपोर्ट में पायलटों के द्वारा इंजनों में ईंधन के प्रवाह को नियंत्रित करने वाले स्विच बंद करने का कोई जिक्र नहीं है। उन्होंने कहा कि अंतिम रिपोर्ट आने से पहले लोगों को कोई निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए।