भलुअनीः देवरिया शहर के एक मैरेज हाल में धूमधाम से बारातियों का स्वागत किया गया। पूरी रात शादी की रस्में अदा की गई। जहां दूल्हा-दूल्हन ने 7 जन्मों तक साथ निभाने का वादा किया और ससुराल के लिए विदा हुई। लेकिन इस शादी में हैरानी तब हुई जब ससुराल में 20 मिनट रहने के बाद नई-नवेली दुल्हन ने पति के साथ रहने से इन्कार कर दिया। दुल्हन ने अपना यह फैसला घर के आंगन में सुनाया, उस वक्त वहां रिश्तेदार और परिवार की तमाम महिलाएं मौजूद थीं। महिलाएं भौचक रह गईं। फिर 5 घंटे तक पंचायत चली, लेकिन दुल्हन नहीं मानी।
लिखापढ़ी कर दोनों पक्ष अलग हो गए। आखिर पंचायत में लिखापढ़ी के बाद दोनों पक्षों ने अलग का फैसला किया और एक पेपर पर साइन कर संबंध खत्म कर दिए। सामान वापस होने के बाद दुल्हन सुहागरात से पहले मायके लौट गई। इस घटना को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रहीं है। दूल्हे ने कहा- पूरे परिवार की इज्जत मिट्टी में मिल गई। देवरिया के भलुआनी में हर्ष चंद्र मद्धेशिया का घर है। घर में बेटा और पत्नी रहती हैं। हर्ष चंद्र की जनरल स्टोर की दुकान है। इसी दुकान पर बेटा विशाल भी बैठता है। 6 महीने पहले विशाल की शादी सलेमपुर की पूजा मद्धेशिया से तय हुई थी।
25 नवंबर को देवरिया शहर स्थित एक मैरेज हाल में बारात आई। लड़की पक्ष ने बारातियों का फूल-माला पहनाकर स्वागत किया। द्वारपूजा हुआ, जयमाल की रस्म पूरी की गई। भोर तक शादी संपन्न हुई। बुधवार को दोपहर बाद नई-नवेली दुल्हन अपने ससुराल पहुंची। मोहल्ले की महिलाओं ने दुल्हन को उतार कर घर में ले गई और दुल्हन का चेहरा देखा। अभी बहुत सी महिलाएं दुल्हन की झलक भी नहीं देखी थी, इस बीच दुल्हन ने ससुराल में न रहने की बात कहते हुए चौखट के बाहर आ गई। साथ ही मायके पक्ष के लोगों को तत्काल बुलाने की बात कहने लगी। महिलाएं व ससुराली उसे समझाने में जुट गए, लेकिन वह मानने से इन्कार कर दिया।
विशाल ने अपने घरवालों को इसके बारे में बताया। घरवाले पूजा को मनाने और कारण पूछने में जुट गए। पूजा ने कहा- मेरे मां-बाप को बुला दो, मैं यहां नहीं रहूंगी। इसके बाद विशाल ने अपने ससुर को फोन कर बुलाया। वहां से पूजा की मां और भाई मौके पर पहुंचे। वह भी समझाते रहे, लेकिन पूजा नहीं मानी। विशाल ने बताया- जब से शादी तय हुई, सबकुछ ठीक था। हमारी बात भी होती थी। लेकिन पूजा ने कभी ऐसा कुछ नहीं कहा, जिससे यह लगे की वह शादी नहीं करना चाहती। धूम-धाम से शादी हुई। घर में सब इतना खुश थे। लेकिन पूजा ने सारे अरमानों पर पानी फेर दिया। उसे अगर यह शादी मंजूर नहीं थी तो पहले भी हमसे बता सकती थी।
लेकिन उसने दोनों परिवारों की इज्जत मिट्टी में मिला दी। घर पर रिश्तेदार और सभी की भीड़ जमा थी। उसने सब कुछ बिगाड़ दिया। मैं उससे पूछता रहा कि क्या कारण है। लेकिन उसने अंत तक कुछ भी नहीं बताया। बस अपने मायके और मेरे साथ न रहने की जिद पर अड़ी थी। अब पुलिस या किसी और से क्या शिकायत करनी। जब लड़की ही नहीं रहना चाहती तो हम क्या कर सकते हैं। मेरे घर वालों ने मुझसे यही बात समझाई।